न्यूजीलैंड के लॉरेंस वॉटकिंस का नाम बना विश्व का सबसे लंबा नाम

लॉरेंस वॉटकिंस, न्यूजीलैंड के निवासी, ने 2310 मिडिल नेम्स जोड़कर अपना नाम इतना लंबा बना लिया कि यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया। उनकी शादी के समय नाम पढ़ने में 20 मिनट से अधिक का समय लगा। जानें कैसे उन्होंने यह अनोखा रिकॉर्ड बनाया और इसके पीछे की कहानी।
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न्यूजीलैंड के लॉरेंस वॉटकिंस का नाम बना विश्व का सबसे लंबा नाम

लॉरेंस वॉटकिंस का अनोखा नाम

न्यूजीलैंड के लॉरेंस वॉटकिंस का नाम बना विश्व का सबसे लंबा नाम

लॉरेंस वॉटकिंसImage Credit source: www.guinnessworldrecords.com

न्यूजीलैंड के लॉरेंस वॉटकिंस (Laurence Watkins) इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं। उनका नाम इतना लंबा है कि इसे सुनकर लोग चौंक जाते हैं। वॉटकिंस ने अपने नाम में 2310 'मिडिल नेम्स' जोड़कर इसे इतना लंबा बना दिया है कि उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Guinness World Records) में 6 पन्नों पर दर्ज है।

आप सोच सकते हैं कि जब उनकी शादी हुई होगी, तो दूल्हा-दुल्हन के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्या रही होगी? सही समझे, विवाह अधिकारी को उनका नाम पढ़ने में 20 मिनट से ज्यादा का समय लगा।

वॉटकिंस का कहना है कि उनका सपना हमेशा से गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने का था। लेकिन वे न तो सबसे ताकतवर थे, न सबसे लंबे, न ही सबसे तेज। इसलिए उन्होंने सोचा कि क्यों न सबसे लंबे नाम का रिकॉर्ड बनाया जाए।

लंबे नाम की शुरुआत

यह कहानी 1990 की है, जब वॉटकिंस 24 साल के थे और ऑकलैंड सिटी की एक लाइब्रेरी में काम कर रहे थे। उन्होंने बच्चों के नामों की किताबें, माओरी शब्दकोश और सहकर्मियों से हजारों नाम इकट्ठा किए, जिनमें यूरोपीय, माओरी, सामोअन, जापानी और चीनी नाम शामिल थे।

वॉटकिंस ने इन नामों को 'मिडिल नेम' के रूप में रजिस्टर कराने में लगभग 400 डॉलर खर्च किए। ऑकलैंड के रजिस्ट्रार ने उनकी अर्जी स्वीकार कर ली, लेकिन वेलिंगटन के रजिस्ट्रार जनरल ने इसे खारिज कर दिया। वॉटकिंस ने हार नहीं मानी और मामला हाई कोर्ट तक ले गए, जहां उन्होंने जीत हासिल की।

यहां तक कि न्यूजीलैंड सरकार को इस मामले में नया कानून बनाना पड़ा ताकि भविष्य में कोई और व्यक्ति ऐसा लंबा नाम न रख सके। अब यह रिकॉर्ड कानूनी रूप से सुरक्षित है। 1998 में वॉटकिंस ऑस्ट्रेलिया चले गए और अब वे अपने लंबे नाम से ही जाने जाते हैं।