दांत के दर्द से पता चला प्रोस्टेट कैंसर: एक अनोखी कहानी

दांत का दर्द और कैंसर का संबंध
कभी-कभी दांत का दर्द कैंसर का संकेत हो सकता है, यह समझना आम लोगों के लिए कठिन है। हाल ही में, 78 वर्षीय एक व्यक्ति ने अपने निचले जबड़े में दर्द के कारण डेंटिस्ट से संपर्क किया। चेकअप के बाद, डेंटिस्ट ने सलाह दी कि दर्द से राहत पाने के लिए दांत को निकालना सबसे अच्छा उपाय है। दांत निकलवाने के कुछ दिनों बाद, जबड़े में सूजन बढ़ने लगी। पुनः चेकअप के दौरान सीटी स्कैन से पता चला कि उसे मेटास्टेटिक प्रोस्टेट कैंसर है।
मेटास्टेटिक प्रोस्टेट कैंसर की जानकारी
प्रोस्टेट कैंसर, जो पुरुषों के जननांग में स्थित प्रोस्टेट ग्रंथि में होता है, जब अन्य अंगों में फैलता है, तो इसे मेटास्टेटिक प्रोस्टेट कैंसर कहा जाता है। डेंटल सर्जन डॉ. आंद्रेज बोजिक के अनुसार, प्रोस्टेट कैंसर अन्य कई प्रकार के कैंसरों की तरह जबड़े तक फैल सकता है। जबड़े की हड्डी में रक्त की प्रचुर आपूर्ति और सक्रिय अस्थि मज्जा इसे कैंसर कोशिकाओं के विकास के लिए अनुकूल बनाता है।
इलाज में देरी का खतरा
जबड़े में मेटास्टेटिक प्रोस्टेट कैंसर के मामले दुर्लभ होते हैं, लेकिन जब ऐसा होता है, तो यह संकेत करता है कि कैंसर काफी फैल चुका है। इस स्थिति में इलाज में देरी जानलेवा हो सकती है।
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण
जबड़े में मेटास्टेसिस के लक्षण अक्सर हल्के होते हैं, जिससे डेंटिस्ट के लिए गंभीर स्थितियों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। डॉ. बोजिक ने बताया कि मरीजों को जबड़े में सूजन, दर्द, बिना कारण दांतों का ढीला होना, या दांत निकलवाने के बाद ठीक होने में देरी जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। इसके अलावा, जबड़े में सुन्नपन या झुनझुनी भी हो सकती है, जो तंत्रिका संबंधी समस्या का संकेत हो सकता है।
प्रोस्टेट कैंसर का वैश्विक प्रभाव
प्रोस्टेट कैंसर विश्व में चौथा सबसे सामान्य कैंसर है और यह पुरुषों में सबसे अधिक पाया जाता है। 40 वर्ष की आयु के बाद पुरुषों में इसका खतरा बढ़ जाता है। हर साल लगभग 400,000 लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवाते हैं। इसलिए नियमित चेकअप और स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना अत्यंत आवश्यक है।