छात्रों को राहत: पढ़ाई छोड़ने पर पूरी कोचिंग फीस लौटाने का एनसीडीआरसी का फैसला

कोचिंग फीस की वापसी पर महत्वपूर्ण निर्णय

पढ़ाई छोड़ने पर भी मिलेगी पूरी फीस वापस
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई छात्र बीच में अपनी पढ़ाई छोड़ता है, तो कोचिंग या शैक्षणिक संस्थान को पूरे पाठ्यक्रम की फीस लौटाने से मना नहीं कर सकते। यह निर्णय उन छात्रों के लिए राहत लेकर आया है, जिन्हें पहले एडवांस फीस की वापसी में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।
आयोग की पीठ, जिसमें डॉ. इंदरजीत सिंह और न्यायिक सदस्य जस्टिस सुधीर कुमार जैन शामिल थे, ने कहा कि यदि छात्र ने सेवा का लाभ नहीं उठाया है, तो संस्थान एडवांस फीस को जब्त नहीं कर सकते। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि छात्र को पढ़ाई या सुविधाओं में कमी महसूस होती है और वह संस्थान छोड़ना चाहता है, तो उसे यह अधिकार है।
बीच में पढ़ाई छोड़ने पर भी मिलेगी फीस वापस
इस आदेश में कहा गया है कि शैक्षणिक संस्थानों को फीस वापस करने से इनकार करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। एनसीडीआरसी ने यह निर्णय प्रसिद्ध कोचिंग संस्थान फिटजी लिमिटेड की अपील को खारिज करते हुए सुनाया है। पहले राज्य उपभोक्ता आयोग ने छात्र के पक्ष में निर्णय दिया था, जिसे अब शीर्ष उपभोक्ता अदालत ने भी सही ठहराया।
क्या था पूरा मामला?
तेलंगाना बोर्ड से एमपीसी (गणित, भौतिकी, रसायन) विषयों के साथ इंटरमीडिएट फर्स्ट इयर में एडमिशन लेने वाले छात्र ने 2017-2019 के लिए एडवांस 3,47,166 रुपये फीस जमा की थी। छात्र ने आरोप लगाया कि उसे टीचर ने क्लास में अपमानित किया और पढ़ाई का समय बोझिल था। इन कारणों से उसने संस्थान छोड़ दिया। बाद में जब उसने फीस वापस मांगी, तो संस्थान ने मना कर दिया।
एनसीडीआरसी ने छात्र की शिकायत को सही पाया और कोचिंग संस्थान को ब्याज सहित पूरी फीस लौटाने का आदेश दिया। यह निर्णय देशभर के उन छात्रों के लिए एक मिसाल बनेगा, जो फीस वापसी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
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