चीन और रूस के शक्तिशाली वायु रक्षा प्रणाली: अमेरिका के लिए खतरा

चीन और रूस की वायु रक्षा प्रणालियाँ, विशेष रूप से HQ-29 और S-500, अमेरिका के लिए एक गंभीर खतरा बनती जा रही हैं। चीन की विजय परेड में प्रदर्शित HQ-29 प्रणाली ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है, जबकि रूस की S-500 तकनीकी दृष्टि से एक महत्वपूर्ण प्रगति है। अमेरिका का गोल्डन डोम प्रणाली अभी सक्रिय नहीं हुई है, जिससे उसकी सुरक्षा को चुनौती मिल रही है। जानें इन प्रणालियों के बारे में और कैसे ये अमेरिका की वायु शक्ति को प्रभावित कर सकती हैं।
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चीन और रूस के शक्तिशाली वायु रक्षा प्रणाली: अमेरिका के लिए खतरा

चीन का HQ-29 वायु रक्षा प्रणाली

अगस्त में आयोजित चीन की विजय परेड ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया, जहां देश ने अपने सबसे शक्तिशाली हथियारों का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में HQ-29 वायु रक्षा प्रणाली सबसे प्रमुख रही, जिसने अमेरिका को चिंतित कर दिया है। यह प्रणाली ड्रोन, लड़ाकू विमानों और दुश्मन के उपग्रहों को नष्ट करने में सक्षम है। यह मुख्य रूप से वायु-से-भूमि मिसाइलों, निर्देशित बमों, क्रूज मिसाइलों और अन्य हवाई हमलों को रोकने के लिए उपयोग की जाती है। HQ-29 प्रणाली का आकार बड़ा है, और इसे परिवहन करना कठिन है क्योंकि एक छह पहियों वाले लांचर वाहन पर केवल दो मिसाइलें ही ले जाई जा सकती हैं। प्रत्येक HQ-29 मिसाइल इंटरसेप्टर लगभग 7.5 मीटर लंबा और 1.5 मीटर व्यास का होता है। इसे पाकिस्तान, अल्जीरिया, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान और reportedly मिस्र जैसे कई देशों को निर्यात किया गया है।


रूस का S-500 वायु रक्षा प्रणाली

रूस की S-500 वायु रक्षा प्रणाली भी एक उपग्रह नाशक हथियार है, जो चीन के HQ-29 के मुकाबले में है। S-500 वायु रक्षा प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे सबसे उन्नत खतरों को रोकने के लिए विशेष रूप से इंजीनियर किया गया है, जिसमें हाइपरसोनिक मिसाइलें शामिल हैं जो ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक गति से चलती हैं। यह अमेरिका के लिए चिंता का विषय है क्योंकि इससे उसके अंतरिक्ष में प्रभुत्व को खतरा है।


अमेरिका का गोल्डन डोम

अमेरिका का गोल्डन डोम वायु रक्षा प्रणाली सक्रिय होने में कम से कम पांच और साल लेगा। यह एक प्रस्तावित बहु-स्तरीय मिसाइल रक्षा प्रणाली है, जिसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा घोषित किया गया था। यह विभिन्न हवाई खतरों को रोकने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिसमें बैलिस्टिक, हाइपरसोनिक और क्रूज मिसाइलें शामिल हैं। यह प्रणाली अंतरिक्ष में सेंसर और इंटरसेप्टर से लैस उपग्रहों का एक समूह तैनात करने की योजना बनाती है, जो जमीन और समुद्र आधारित प्रणालियों के साथ मिलकर अमेरिका के लिए एक व्यापक रक्षा ढाल बनाएगी।


PLAAF का प्रदर्शन

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) ने परेड में छह उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों का प्रदर्शन किया: HQ-11, HQ-20, HQ-22A, HQ-9C, HQ-19, और HQ-29। ये सभी प्रणालियाँ लंबी, मध्य और छोटी दूरी की वायु रक्षा मिशनों को अंजाम देने में सक्षम हैं, जो वायु और अंतरिक्ष के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच बनाती हैं। इनमें से HQ-29 सबसे शक्तिशाली है, जो दुश्मन की मिसाइलों को वायुमंडल के बाहर भी इंटरसेप्ट करने की क्षमता रखती है।