गूगल क्लाउड CEO का बयान: AI नौकरी नहीं, बल्कि सहायक है

गूगल क्लाउड के CEO थॉमस कुरियन ने हाल ही में एक बयान में कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के लिए नहीं है, बल्कि यह उनकी सहायता करने वाली तकनीक है। उन्होंने बताया कि AI का उद्देश्य कामकाजी लोगों की उत्पादकता को बढ़ाना है। कुरियन ने गूगल के AI-आधारित कस्टमर एंगेजमेंट सुइट का उदाहरण देते हुए कहा कि यह तकनीक ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने में मदद करती है। जानें इस विषय पर और क्या कहते हैं गूगल के अन्य नेता।
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गूगल क्लाउड CEO का बयान: AI नौकरी नहीं, बल्कि सहायक है

गूगल क्लाउड के CEO थॉमस कुरियन का दृष्टिकोण

गूगल क्लाउड CEO का बयान: AI नौकरी नहीं, बल्कि सहायक है

गूगल क्लाउड के सीईओ थॉमस कुरियन (फाइल फोटो)

AI पर थॉमस कुरियन का बयान: गूगल क्लाउड के सीईओ थॉमस कुरियन ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के लिए नहीं है, बल्कि यह उनकी सहायता करने वाली तकनीक है। उनका मानना है कि AI का उद्देश्य कामकाजी लोगों को उनके कार्यों में मदद करना और उनकी उत्पादकता को बढ़ाना है, न कि उन्हें बर्खास्त करना। इससे पहले, गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने भी AI के प्रभाव पर अपनी राय साझा की थी, जिसमें उन्होंने बताया कि AI ने गूगल के इंजीनियरों की उत्पादकता में 10% की वृद्धि की है।

AI का उद्देश्य: कर्मचारियों का सहायक बनना

कुरियन ने गूगल के AI-आधारित कस्टमर एंगेजमेंट सुइट का उदाहरण देते हुए कहा कि इस तकनीक ने किसी भी ग्राहक को कर्मचारियों की छंटनी के लिए प्रेरित नहीं किया है। इसके बजाय, यह प्लेटफॉर्म सेवा टीमों को तेजी से सवालों के उत्तर देने में मदद करता है, जिससे ग्राहक अनुभव में सुधार होता है।

उन्होंने यह भी कहा कि जब यह तकनीक पहली बार पेश की गई थी, तब लोगों ने चिंता जताई थी कि इससे नौकरियों पर खतरा आ सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

AI से उत्पादकता में वृद्धि

कुरियन और गूगल के CEO सुंदर पिचाई जैसे तकनीकी नेता AI को उत्पादकता बढ़ाने वाले उपकरण के रूप में देखते हैं। पिचाई ने हाल ही में कहा था कि AI ने गूगल के इंजीनियरों की उत्पादकता में 10 प्रतिशत की वृद्धि की है, जिससे वे अधिक रचनात्मक और महत्वपूर्ण कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर पा रहे हैं।

उनका कहना है कि AI कर्मचारियों को प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में बने रहने और तेजी से बदलाव के साथ तालमेल बिठाने में मदद करता है, न कि उन्हें रोजगार से बाहर करने में।