गंभीर चुनौतियों के बीच बनी दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे पुल: चेनाब ब्रिज

चेनाब ब्रिज, जो जम्मू और कश्मीर में स्थित है, विश्व का सबसे ऊँचा रेलवे पुल है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस पुल के निर्माण में प्रोफेसर जी माधवी लता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिन्होंने 17 वर्षों तक इस परियोजना पर काम किया। इस लेख में, हम जानेंगे कि कैसे उन्होंने जटिल भौगोलिक चुनौतियों का सामना किया और पुल के निर्माण में नवाचार किया। यह पुल कश्मीर घाटी में संपर्क को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
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गंभीर चुनौतियों के बीच बनी दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे पुल: चेनाब ब्रिज

चेनाब ब्रिज का उद्घाटन

जम्मू और कश्मीर में स्थित चेनाब ब्रिज, विश्व का सबसे ऊँचा रेलवे पुल है। इसे 8 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा औपचारिक रूप से उद्घाटन किया गया। यह पुल 272 किलोमीटर लंबे उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लिंक (USBRL) का हिस्सा है, जिसे 2003 में निर्माण के लिए मंजूरी मिली थी।


जी माधवी लता का योगदान

प्रोफेसर जी माधवी लता इस पुल के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली प्रमुख व्यक्तियों में से एक हैं। बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) में कार्यरत, उन्होंने चेनाब ब्रिज परियोजना में 17 वर्षों तक काम किया और भू-तकनीकी सलाहकार के रूप में कार्य किया।


चुनौतियों का सामना

चेनाब ब्रिज के निर्माण में जटिल भौगोलिक विशेषताओं और जलवायु परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। डॉ. लता और उनकी टीम ने 'डिज़ाइन-एज़-यू-गो' दृष्टिकोण अपनाया, जिसमें उन्होंने निर्माण के दौरान विभिन्न भूगर्भीय स्थितियों के अनुसार नवाचार किया।


चेनाब ब्रिज का विवरण

चेनाब ब्रिज की लागत 1,486 करोड़ रुपये है और इसे हाल के समय में भारत के किसी भी रेलवे परियोजना के लिए सबसे बड़ी सिविल इंजीनियरिंग चुनौती माना गया है। यह 359 मीटर ऊँचा पुल एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊँचा है, और यह कश्मीर घाटी में संपर्क को बेहतर बनाने में मदद करेगा।