गंजेपन के पीछे का विज्ञान: पुरुषों में समस्या क्यों अधिक होती है?

गंजापन आज के समय में एक आम समस्या है, जो मुख्य रूप से पुरुषों को प्रभावित करती है। इसका मुख्य कारण अस्वस्थ खानपान और टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का बढ़ता स्तर है। जबकि महिलाओं में गंजापन दुर्लभ है, पुरुषों में यह समस्या अधिक देखी जाती है। जानें कि क्यों पुरुषों में गंजापन अधिक होता है और इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण क्या हैं।
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गंजेपन के पीछे का विज्ञान: पुरुषों में समस्या क्यों अधिक होती है?

गंजापन: एक सामान्य समस्या

आजकल गंजापन एक सामान्य समस्या बन चुकी है, जो कई पुरुषों को प्रभावित करती है। इसका मुख्य कारण अस्वस्थ खानपान को माना जाता है, जिससे यह समस्या न केवल वयस्कों में, बल्कि छोटे बच्चों में भी देखी जा सकती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि गंजापन मुख्य रूप से पुरुषों में ही क्यों होता है? आमतौर पर महिलाओं में यह समस्या कम ही देखने को मिलती है। महिलाओं में गंजापन तब होता है जब वे बीमार होती हैं, या यह एक दुर्लभ स्थिति होती है।


टेस्टोस्टेरॉन का प्रभाव

वैज्ञानिकों का कहना है कि पुरुषों में बालों के झड़ने का मुख्य कारण टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन है। यह हार्मोन पुरुषों और महिलाओं दोनों में पाया जाता है, लेकिन इसकी मात्रा पुरुषों में अधिक होती है। जब टेस्टोस्टेरॉन का स्तर बढ़ता है, तो यह बालों के झड़ने का कारण बनता है।


महिलाओं में टेस्टोस्टेरॉन

महिलाओं में भी टेस्टोस्टेरॉन पाया जाता है, लेकिन इसकी मात्रा सीमित होती है। जब यह हार्मोन बढ़ता है, तो महिलाओं में पुरुषों के विपरीत शारीरिक बदलाव होते हैं, जैसे अनचाहे बालों का बढ़ना। हालांकि, इसका बढ़ना केवल बालों के झड़ने की समस्या को बढ़ाता है, लेकिन इसका मतलब गंजेपन से नहीं है।


गंजेपन का मुख्य कारण

गंजे पुरुषों में आमतौर पर आगे के बाल अधिक झड़ते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि एन्ड्रोजेनेटिक एलोपिका इस समस्या का सबसे सामान्य कारण है। यह समस्या बालों की पुटिका पर डीहायड्रोटेस्टोस्टेरोन (DHT) हार्मोन के प्रभाव के कारण होती है। खोपड़ी के सामने, ऊपर और मुकुट क्षेत्र DHT के प्रति संवेदनशील होते हैं।