क्यों है कीबोर्ड पर QWERTY लेआउट?

क्या आपने कभी सोचा है कि कीबोर्ड पर अक्षर इस तरह क्यों व्यवस्थित हैं? यह जानबूझकर किया गया है, और इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है जो टाइप राइटर के युग से जुड़ी हुई है। जानें कैसे क्रिस्टोफर शोल्स ने QWERTY लेआउट का आविष्कार किया और यह कैसे आज भी हमारे कीबोर्ड पर बना हुआ है।
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क्यों है कीबोर्ड पर QWERTY लेआउट?

कीबोर्ड का रहस्य


क्या आपने कभी कीबोर्ड को ध्यान से देखा है और सोचा है, "ये अक्षर इस तरह से क्यों रखे गए हैं? ये A, B, C, D के क्रम में क्यों नहीं हैं?" अगर हाँ, तो आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह जानबूझकर किया गया है।

इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है, जो टाइप राइटर के युग से जुड़ी हुई है। आइए जानते हैं इस कहानी के बारे में।


टाइप राइटर और 'जाम' की समस्या

आज के डिजिटल कीबोर्ड से पहले, टाइप राइटर का उपयोग लेखन के लिए किया जाता था। 19वीं सदी के अंत में, जब पहले टाइप राइटर बनाए जा रहे थे, तब इनमें एक बड़ी तकनीकी समस्या थी। इन टाइप राइटरों में अक्षर धातु की छड़ों पर उकेरे गए थे, जो कुंजी दबाने पर ऊपर से नीचे आती थीं और स्याही रिबन को दबाकर कागज पर अक्षर छापती थीं।

जब कोई तेज़ी से टाइप करता था और दो निकटवर्ती अक्षरों की कुंजियाँ एक साथ दब जाती थीं, तो उनकी धातु की छड़ें उलझ जाती थीं और फंस जाती थीं। इससे टाइपिंग रुक जाती थी, और कई बार टाइप राइटर को खोलकर छड़ों को अलग करना पड़ता था, जो एक बहुत समय लेने वाला और कठिन कार्य था।


क्रिस्टोफर शोल्स और QWERTY लेआउट का जन्म

इस समस्या का समाधान करने के लिए, क्रिस्टोफर लाथम शोल्स ने एक सरल लेकिन दिलचस्प उपाय सोचा। उन्होंने सोचा कि क्यों न अक्षरों को इस तरह से व्यवस्थित किया जाए कि सबसे अधिक उपयोग होने वाले अक्षरों के जोड़े, जैसे 'TH', 'HE', 'IN', 'ER', आदि, कीबोर्ड पर एक-दूसरे से दूर रखे जाएं। इससे उनकी छड़ों के उलझने की संभावना काफी कम हो जाएगी।

शोल्स ने अंग्रेजी भाषा के आंकड़ों का अध्ययन किया और अक्षरों की आवश्यकता के आधार पर एक नया कीबोर्ड लेआउट डिजाइन किया। इस डिज़ाइन का परिणाम QWERTY लेआउट था, जिसका नाम पहले पंक्ति के पहले छह अक्षरों (Q-W-E-R-T-Y) से लिया गया है।


QWERTY की सफलता

1870 के दशक में, एक कंपनी ने शोल्स के इस डिज़ाइन के साथ टाइप राइटर बनाना शुरू किया। यह टाइप राइटर बहुत सफल रहा और धीरे-धीरे बाजार में छा गया। जैसे-जैसे लाखों लोगों ने इस QWERTY लेआउट पर टाइप करना सीखा, यह एक मानक बन गया।

बाद में, भले ही टाइप राइटरों की तकनीकी सीमाओं को पार कर लिया गया और इलेक्ट्रिक और फिर डिजिटल कीबोर्ड पेश किए गए, QWERTY इतनी लोकप्रिय हो गई थी कि इसे नहीं बदला गया। लगभग पूरी दुनिया की जनसंख्या इस लेआउट की आदी हो गई थी। इसलिए आज भी कीबोर्ड पर QWERTY लेआउट देखा जाता है।


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