अर्जुन की छाल: हृदय स्वास्थ्य के लिए अद्भुत औषधि

अर्जुन का वृक्ष आयुर्वेद में हृदय रोगों के उपचार के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इसकी छाल में कई औषधीय गुण होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। जानें कैसे अर्जुन की छाल का सेवन हृदय की समस्याओं को कम कर सकता है और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर सकता है।
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अर्जुन की छाल: हृदय स्वास्थ्य के लिए अद्भुत औषधि

अर्जुन का वृक्ष और उसकी छाल

प्राचीन आयुर्वेद में, अर्जुन के वृक्ष का उपयोग हृदय रोगों के उपचार के लिए किया जाता रहा है। इसकी छाल को औषधि के रूप में चूर्ण, काढ़ा, क्षीर पाक और अरिष्ट के रूप में लिया जाता है।


अर्जुन की छाल का औषधीय महत्व

इसकी छाल और फल का औषधीय उपयोग अत्यधिक होता है। अर्जुन की छाल में लगभग 20-24% टैनिन मौजूद होता है। इसके अलावा, इसमें बीटा-सिटोस्टिरोल, इलेजिक एसिड, ट्राईहाइड्रोक्सी ट्राईटरपीन, मोनो कार्बोक्सिलिक एसिड और अर्जुनिक एसिड जैसे तत्व भी पाए जाते हैं।


अर्जुन की छाल के लाभ हृदय रोगों के लिए

यह हृदय रोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह अनियमित धड़कनों को नियंत्रित करती है और हृदय की सूजन को कम करती है। अर्जुन की छाल और जंगली प्याज का चूर्ण बनाकर सेवन करने से हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है।


अर्जुन की छाल की चाय उच्च रक्तचाप को कम करने में सहायक

अर्जुन की छाल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती है और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करती है। इसके सेवन से रक्त प्रवाह में सुधार होता है। 1 चम्मच अर्जुन की छाल का पाउडर 2 गिलास पानी में उबालकर, ठंडा करके पीने से लाभ मिलता है।