750 सिबिल स्कोर पर भी लोन रिजेक्ट होने के कारण और नए नियम
क्या आपको पता है कि 750 का सिबिल स्कोर होने पर भी लोन अस्वीकृत हो सकता है? इस लेख में हम जानेंगे कि बैंक किस प्रकार आपकी वित्तीय स्थिति, नौकरी की स्थिरता और अन्य कारकों का मूल्यांकन करते हैं। साथ ही, नए नियमों के तहत पहली बार लोन लेने वालों को मिलने वाली राहत के बारे में भी चर्चा करेंगे। जानें सभी महत्वपूर्ण बातें जो आपके लोन आवेदन को प्रभावित कर सकती हैं।
| Nov 17, 2025, 06:39 IST
सिबिल स्कोर और लोन की प्रक्रिया
सिबिल स्कोर
जब भी कोई व्यक्ति बैंक से लोन लेने की सोचता है, तो सिबिल स्कोर का उल्लेख होना अनिवार्य है। लोन के लिए आवेदन करते समय, अधिकांश लोग पहले ही सिबिल स्कोर के बारे में पूछते हैं। सामान्यतः, 750 का स्कोर अच्छा माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 750 सिबिल स्कोर होने पर भी लोन अस्वीकृत हो सकता है? आइए, हम आपको सिबिल स्कोर और आरबीआई के लोन से संबंधित नियमों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
हालांकि सिबिल स्कोर 750 से अधिक है, फिर भी लोन अस्वीकृत हो सकता है। इसका कारण यह है कि बैंक केवल स्कोर पर ध्यान नहीं देते, बल्कि आपकी संपूर्ण वित्तीय स्थिति, नौकरी की स्थिरता और मौजूदा देनदारियों का भी मूल्यांकन करते हैं। यदि आपकी स्थिति में कोई असामान्यता है, तो लोन मिलने में कठिनाई हो सकती है।
महत्वपूर्ण कारक
ये भी हैं जरूरी
- वित्तीय स्थिति: लोन स्वीकृति में आपकी आय और नौकरी की स्थिरता सबसे महत्वपूर्ण होती है। यदि आप बार-बार नौकरी बदलते हैं या लंबे समय तक बेरोजगार रहते हैं, तो बैंक आपको जोखिम भरा मान सकते हैं। वहीं, यदि आप एक ही क्षेत्र में स्थिरता से काम कर रहे हैं, तो बैंक को आप पर भरोसा होता है। इसके अलावा, यदि आपकी आय का 40-50% पहले से चल रहे कर्ज में जा रहा है, तो बैंक नए लोन देने में हिचकिचाते हैं।
- एक साथ कई लोन या कार्ड के लिए आवेदन: कई लोग एक ही समय में एक से अधिक लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं। इससे आपकी रिपोर्ट में कई 'हार्ड इनक्वायरी' दिखाई देती हैं, जिसे बैंक आर्थिक दबाव का संकेत मानते हैं। ऐसे मामलों में लोन अस्वीकृत होने की संभावना बढ़ जाती है। यदि आप जिस बैंक में आवेदन कर रहे हैं, वहां आपका पुराना रिकॉर्ड ठीक नहीं है, जैसे कि EMI चुकाने में देरी, तो यह भी आपके खिलाफ जा सकता है।
नए नियमों में राहत
नए नियमों में राहत
हाल ही में लागू हुए नए नियमों के तहत, पहली बार लोन लेने वालों के लिए क्रेडिट स्कोर की न्यूनतम शर्त को हटा दिया गया है। इसका मतलब है कि बैंक अब केवल कम स्कोर के आधार पर किसी को रिजेक्ट नहीं कर सकते। उन्हें ग्राहक की कुल आर्थिक स्थिति, कर्ज चुकाने की क्षमता और नौकरी की स्थिरता को ध्यान में रखकर निर्णय लेना होगा।
