मध्यप्रदेश में ड्रोन तकनीक से विद्यार्थियों को स्वरोजगार के अवसर
तकनीकी क्रांति की ओर बढ़ता मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश तकनीकी क्रांति के एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। राज्य सरकार ने एक नई ड्रोन नीति बनाई है, जिसके तहत ड्रोन तकनीक का उपयोग केवल निगरानी या रक्षा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे कृषि, आपदा प्रबंधन, पुलिस निगरानी, भू-सर्वेक्षण, पर्यावरण संरक्षण और औद्योगिक विकास जैसे विभिन्न क्षेत्रों में लागू किया जाएगा।
ड्रोन तकनीक: विकास और आत्मनिर्भरता का साधन
डॉ. यादव ने गुरुवार को भोपाल के विज्ञान भवन में आयोजित 'ड्रोन टेक वर्कशॉप एक्सपो 2025' का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, स्टार्टअप्स और औद्योगिक संगठनों द्वारा प्रदर्शित स्टॉल्स का अवलोकन किया। उन्होंने कहा, "ड्रोन तकनीक अब विकास, नवाचार और आत्मनिर्भरता का एक महत्वपूर्ण साधन बन चुकी है।" उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे इस तकनीक को अपनाकर स्वरोजगार और स्टार्टअप्स के नए अवसरों की खोज करें।
विद्यार्थियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम
मध्यप्रदेश विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने बताया कि इस कार्यशाला में प्रदेशभर से 4,000 से अधिक विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है। विशेषज्ञ उन्हें ड्रोन संचालन, डिजाइनिंग और नवाचार के प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य को 'मेक इन इंडिया' और राष्ट्रीय ड्रोन नीति 2021 के अनुरूप तकनीकी हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। कार्यक्रम में ड्रोन उड़ान का लाइव डेमो, इनोवेशन चैलेंज, तकनीकी शोकेस और प्रदर्शनी ने युवाओं को आकर्षित किया।
ड्रोन: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रोन केवल उड़ान नहीं है, बल्कि यह नए भारत के आत्मनिर्भर भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कार्यक्रम में मनासा विधायक अनिरुद्ध माधव मारू, मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार राम तिवारी, विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के विद्यार्थी, विषय विशेषज्ञ, शोधकर्ता और ड्रोन तकनीक में नवाचार करने वाले युवा और उद्यमी उपस्थित थे।
