बीजापुर अस्पताल में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 9 मरीजों की आंखों में संक्रमण

बीजापुर के जिला अस्पताल में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 9 मरीजों की आंखों में संक्रमण की गंभीर समस्या सामने आई है। इनमें से आठ मरीजों की आंखों में गंभीर संक्रमण पाया गया है। सभी को रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं, और जांच के लिए एक टीम गठित की गई है। पिछले वर्षों में भी ऐसे मामलों की घटनाएं सामने आई हैं। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और विशेषज्ञों की राय।
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बीजापुर में ऑपरेशन के बाद मरीजों की आंखों में गंभीर संक्रमण

बीजापुर अस्पताल में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 9 मरीजों की आंखों में संक्रमण


बीजापुर/रायपुर। बीजापुर के जिला अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 9 मरीजों की आंखों में संक्रमण की समस्या सामने आई है। ऑपरेशन के बाद इन मरीजों की स्थिति बिगड़ गई, जिनमें से आठ के आंखों में गंभीर संक्रमण पाया गया। मरीजों में आठ महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं। सभी को बुधवार सुबह रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल (मेकाहारा) में भर्ती कराया गया। इनमें से पांच मरीजों को तुरंत ऑपरेशन थिएटर में भेजा गया, जबकि अन्य को एंटीबायोटिक इंजेक्शन और अन्य दवाएं दी जा रही हैं। भर्ती मरीजों के परिजनों ने बताया कि ऑपरेशन के बाद उनकी आंखों में जलन और धुंधलापन महसूस हुआ। कुछ मरीजों ने दृष्टिहीनता जैसी स्थिति की भी शिकायत की।


स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल

दो जिलों में समान मामलों के सामने आने से स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्टरलाइजेशन और पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल की प्रक्रिया बहुत कमजोर है। हर साल 'नेत्रदान और मोतियाबिंद शिविर' आयोजित किए जाते हैं, लेकिन संक्रमण रोकने के लिए आवश्यक मानकों की अनदेखी की जाती है। वर्तमान में, मेकाहारा में भर्ती सभी मरीजों की स्थिति पर ध्यान रखा जा रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, सूजन और संक्रमण में सुधार होने में 5 से 6 हफ्ते लग सकते हैं।


जांच टीम गठित, 3 दिन में रिपोर्ट पेश करने का आदेश

बीजापुर के जिला अस्पताल में नेत्र ऑपरेशन के बाद जटिलताओं की जांच के लिए आयुक्त सह संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। इस टीम में राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. निधि अत्रिवाल, बस्तर संभाग के संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. महेश साण्डिया और जिला चिकित्सालय जगदलपुर की नेत्र सर्जन डॉ. सरिता थॉमस शामिल हैं। यह जांच समिति तीन दिन में अपनी रिपोर्ट आयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य सेवाओं के समक्ष प्रस्तुत करेगी और जल्द ही बीजापुर जिला अस्पताल में जांच शुरू करेगी।


पिछले सालों में भी मोतियाबिंद शिविरों में फैला संक्रमण

बीजापुर जिले में 8 नवंबर को जिला अस्पताल परिसर में नि:शुल्क मोतियाबिंद शिविर का आयोजन किया गया था। ऑपरेशन के बाद मरीजों में सूजन और पस की समस्या आई। आठ मरीजों की आंखों में संक्रमण गंभीर पाया गया है और उनका दोबारा ऑपरेशन किया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण कई कारणों से हो सकता है, जैसे दवाओं की गुणवत्ता, उपकरणों की सफाई या मरीजों की ओर से पोस्ट-ऑपरेशन देखभाल की कमी। ग्रामीण क्षेत्रों में हाइजीन बनाए न रखने के कारण ऑपरेशन के बाद आंखों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।


बीजापुर की यह घटना पिछले वर्षों में हुए कई मामलों की याद दिलाती है। दंतेवाड़ा, कोरिया, बालोद, दुर्ग और रायपुर में भी मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद संक्रमण और दृष्टिहीनता के कई मामले सामने आ चुके हैं।