हाथों के दर्शन और मंत्रों का महत्व: सुखद जीवन के लिए उपाय
धार्मिक नियमों का पालन और सुखद जीवन
हिंदू धर्म के अनुसार, जीवन को खुशहाल बनाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक माना जाता है। कई लोग मानते हैं कि शास्त्रीय नियमों का अनुसरण करके सुखमय जीवन व्यतीत किया जा सकता है।
सुबह के समय हाथों का दर्शन
कुछ लोग शास्त्रीय नियमों में बंधकर रहना पसंद नहीं करते। हमारे शास्त्रों में यह बताया गया है कि सुबह उठते ही सबसे पहले अपने दोनों हाथों की हथेलियों का दर्शन करना चाहिए। इस प्रक्रिया के दौरान एक विशेष श्लोक का उच्चारण भी किया जाना चाहिए।
हाथों के दर्शन के दौरान जपने वाला श्लोक
कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती…
करमूले तु गोविन्द: प्रभाते कर दर्शनम्.!!!
श्लोक का अर्थ
इस श्लोक का अर्थ है कि हथेलियों के अग्र भाग में धन की देवी लक्ष्मी, मध्य भाग में विद्या की देवी सरस्वती और मूल भाग में भगवान गोविंद का निवास है। इसलिए, प्रात: काल मैं अपनी हथेलियों का दर्शन करता हूं।
हाथों के दर्शन का दूसरा उद्देश्य
हाथों का दर्शन करने का एक और उद्देश्य यह है कि सुबह उठने पर हमारी आंखें उनींदी होती हैं। दूर की वस्तुओं पर सीधा देखने से आंखों पर बुरा असर पड़ सकता है। लेकिन हाथों के दर्शन से हमारी दृष्टि धीरे-धीरे स्थिर हो जाती है।
मंत्रों का महत्व
वैदिक परंपरा में मंत्रों का उच्चारण महत्वपूर्ण माना जाता है। यदि मंत्रों का सही तरीके से उच्चारण किया जाए, तो यह जीवन की दिशा बदल सकता है।
शक्तिशाली मंत्र
” नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे.
सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नम:.. “
भगवान विष्णु के नामों का महत्व
महाभारत के अनुशासन पर्व में भगवान विष्णु के एक हजार नामों का वर्णन मिलता है। भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को बताया था कि इन नामों का जाप करने से सभी मुश्किलें हल हो सकती हैं।