हनुमान जी को चोला चढ़ाने की विधि और लाभ
हनुमान जी को चोला चढ़ाने की विधि
हनुमान जी
हनुमान जी को चोला चढ़ाने की प्रक्रिया: भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है, जो अपने भक्तों के संकटों को दूर करते हैं। मंगलवार का दिन विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन भक्त उन्हें चोला चढ़ाते हैं, जिसमें सिंदूर, चमेली का तेल और अन्य सामग्री शामिल होती हैं। यह पूजा हनुमान जी को प्रसन्न करने और भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए की जाती है।
हनुमान जी को चोला चढ़ाने का सही समय
हनुमान जी को चोला चढ़ाने का सबसे शुभ समय मंगलवार और शनिवार की सुबह (ब्रह्म मुहूर्त या सूर्योदय के समय) माना जाता है। इसके अलावा, शनिवार की शाम को भी चोला चढ़ाना शुभ होता है।
हनुमान जी को चोला चढ़ाने के लाभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी को चोला चढ़ाने से मानसिक और शारीरिक शक्ति में वृद्धि होती है। यह शनि और मंगल ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने में मददगार माना जाता है। भक्तों के भय दूर होते हैं, नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा मिलती है, और जीवन में सौभाग्य आता है।
हनुमान जी को चोला चढ़ाने के लिए सामग्री
हनुमान जी का चोला चढ़ाने के लिए आवश्यक सामग्री में नारंगी सिंदूर, चमेली का तेल या घी, चांदी या सोने का वर्क, और इत्र शामिल हैं। इसके अलावा, जनेऊ, लाल कपड़े की लंगोट और चमेली के फूल भी चढ़ाए जाते हैं।
हनुमान जी को चोला चढ़ाने का मंत्र
हनुमान जी को चोला चढ़ाने का मंत्र है – “सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये। भक्तयां दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम।” इस मंत्र का जाप करने से हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
हनुमान जी को चोला चढ़ाने की विधि
- हनुमान जी की मूर्ति को गंगाजल या साफ पानी से स्नान कराएं और फिर पोंछ लें।
- सिंदूर और चमेली के तेल को मिलाकर एक मिश्रण तैयार करें।
- इस मिश्रण को हनुमान जी के बाएं पैर में लगाएं।
- फिर इसे धीरे-धीरे पूरे शरीर पर चढ़ाएं।
- हनुमान जी को चोला चढ़ाने के बाद जनेऊ पहनाएं।
- चांदी का वर्क और साफ वस्त्र अर्पित करें।
- 11 या 21 पीपल के पत्तों पर सिंदूर से “श्रीराम” लिखकर उनके चरणों में चढ़ाएं।
- पूजा में चने, गुड़ और मिठाई का भोग लगाएं।
- धूप-दीप जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- अंत में हनुमान जी की आरती करें और मंत्रों का जाप करें।
- प्रसाद ग्रहण करें और माथे पर सिंदूर का टीका लगाएं।
गलती होने पर क्या करें?
यदि चोला चढ़ाते समय कोई गलती हो जाए, तो भगवान हनुमान से दिल से माफी मांगें। गलती को सुधारने के लिए हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें। पूजा के अंत में हनुमान जी की आरती करें। यदि मूर्ति पर चोला चढ़ाने में गलती हुई है, तो आप ॐ हं हनुमते नमः का जाप करते हुए हनुमान जी को जल चढ़ा सकते हैं।
