सोने की दिशा: वैज्ञानिक दृष्टिकोण और पारंपरिक मान्यताएँ

क्या आप जानते हैं कि सोने की दिशा का आपके स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है? इस लेख में हम जानेंगे कि क्यों सिर की दिशा हमेशा पूर्व की ओर होनी चाहिए और उत्तर दिशा में सोना क्यों निषिद्ध है। यह जानकारी न केवल पारंपरिक मान्यताओं पर आधारित है, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। जानें इस विषय में और अधिक जानकारी और इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें!
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सोने की दिशा: वैज्ञानिक दृष्टिकोण और पारंपरिक मान्यताएँ

सोने की दिशा का महत्व


हम अक्सर अपने माता-पिता और बुजुर्गों से सुनते हैं कि हमें किस दिशा में पैर करके नहीं सोना चाहिए। जब हम उनसे इस पर सवाल करते हैं, तो वे बताते हैं कि यह कोई अंधविश्वास नहीं है, बल्कि वैज्ञानिक आधार पर आधारित है। इस विषय पर जागरूकता फैलाने के लिए हम यह जानकारी साझा कर रहे हैं।


सोते समय, आपके सिर की दिशा हमेशा सूर्य की ओर होनी चाहिए, यानी पूर्व की तरफ, और पैर पश्चिम की ओर होने चाहिए। यदि किसी कारणवश आप पूर्व की दिशा में सिर नहीं रख सकते, तो दक्षिण दिशा में सिर रखना उचित है। इस प्रकार, आराम करते समय सिर हमेशा पूर्व या दक्षिण दिशा में होना चाहिए।


बागभट्ट जी के अनुसार, उत्तर दिशा में सिर करके सोना निषिद्ध है। वे बताते हैं कि उत्तर दिशा मृत्यु की दिशा मानी जाती है। हालांकि, पढ़ाई और अन्य कार्यों के लिए उत्तर दिशा उपयुक्त है, लेकिन सोने के लिए इसे टालना चाहिए।


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