सिद्धनाथ मंदिर: 5 हजार साल पुराना चमत्कारी कुआं जो 27 नदियों का पानी देता है

सिद्धनाथ मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
भारत में कई प्राचीन मंदिर हैं जिनका इतिहास हजारों साल पुराना है। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में स्थित सिद्धनाथ मंदिर भी ऐसा ही एक स्थल है, जिसे पांडवों के समय से जोड़ा जाता है। यह मंदिर पांडवों की तपोस्थली मानी जाती है, जहां उन्होंने अपने अज्ञातवास के दौरान समय बिताया था। यहां भक्तों की एक बड़ी संख्या पूजा करने के लिए आती है, जो जल और अन्य सामग्री भगवान शिव को अर्पित करती है।
बहराइच में सिद्धनाथ मंदिर की विशेषताएं
यूपी के बहराइच में हैं सिद्धनाथ मंदिर

महाशिवरात्रि और सावन के महीने में यहां भक्तों की भारी भीड़ होती है। पांडवकालीन सिद्धनाथ मंदिर शहर के छोटे बाजार में स्थित है और इसकी पहचान बहुत प्रसिद्ध है। वृद्ध जनों का मानना है कि पांडवों ने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी। इस मंदिर में हर साल सावन और महाशिवरात्रि के अवसर पर भक्त दूर-दूर से जल चढ़ाने और दर्शन करने आते हैं।
पांडवों द्वारा स्थापित शिव मंदिर
पांडवों ने की थी इस शिव मंदिर की स्थापना

यह माना जाता है कि इस शिव मंदिर में जलाभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। यहां एक चमत्कारी कुआं भी है, जिसमें 27 नदियों का पानी पाया जाता है। यह कुआं लगभग 5 हजार साल पुराना है और इसका पानी आज भी भगवान शिव को चढ़ाया जाता है। शिवरात्रि और सावन के दौरान यहां जलाभिषेक की एक विशाल संख्या होती है।
27 नदियों का रहस्यमयी पानी
इस कुएं में है 27 नदियों का रहस्यमयी पानी

श्री रवि गिरी जी महाराज के अनुसार, इस कुएं की आयु हजारों साल है और यह पांडवकालीन है। यहां का पानी भगवान शिव पर चढ़ाने से हर मनोकामना पूरी होती है। इसे 27 नदियों का पानी होने के कारण पवित्र माना जाता है। कुछ भक्त इस जल को अपने साथ ले जाते हैं और पूजा में उपयोग करते हैं।