सितंबर 2025 में प्रदोष व्रत: पूजा विधि और महत्व

सितंबर प्रदोष व्रत 2025
सितंबर प्रदोष व्रत 2025: प्रदोष व्रत भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह व्रत 5 सितंबर 2025 को होगा। इस दिन शुक्रवार होने के कारण इसे शुक्र प्रदोष कहा जाएगा। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करने से भक्त को विशेष फल प्राप्त होते हैं। इसके अलावा, जीवन में तनाव से राहत, खुशी और समृद्धि भी मिलती है। शास्त्रों में प्रदोष को महादेव की पूजा के लिए सर्वोत्तम अवसरों में से एक माना गया है। यदि इस दिन केवल बेलपत्र अर्पित किया जाए, तो भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। इसके साथ ही, इस तिथि पर कुछ सरल उपाय करने से इच्छित परिणाम प्राप्त करने की संभावना भी बढ़ जाती है। इस प्रकार, आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।
प्रदोष व्रत के दिन करें ये कार्य
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर दूध में तिल मिलाकर अभिषेक करना चाहिए। इससे मानसिक शांति और कलह से मुक्ति मिलती है।
महादेव की पूजा में शिवलिंग पर चंदन लगाना बहुत शुभ माना जाता है। इससे भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। इसलिए, प्रदोष व्रत पर महादेव को चंदन अर्पित करना न भूलें। इसके प्रभाव से रुके हुए कार्य पूरे हो सकते हैं।
प्रदोष व्रत पर महादेव को शमी के फूल अर्पित करें। यह भगवान को बहुत प्रिय है। इससे आपकी सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं।
प्रदोष व्रत पर शिवलिंग पर दूध, दही, शहद, घी और गुड़ अर्पित करें। इससे महादेव की अनंत कृपा प्राप्त होती है।
प्रदोष व्रत तिथि
त्रयोदशी तिथि 5 सितंबर को सुबह 4:08 बजे शुरू होगी।
यह 6 सितंबर को सुबह 3:12 बजे समाप्त होगी।
प्रदोष व्रत 5 सितंबर 2025 को मान्य होगा।
शुभ मुहूर्त
यह 6:38 बजे से 8:55 बजे के बीच रहेगा।
इस व्रत पर शुभान, सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग का संयोग रहेगा।
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