सावन में नंदी के कान में मनोकामना बोलने का सही तरीका

सावन का महीना शिव भक्तों के लिए विशेष होता है, जिसमें नंदी की पूजा का विशेष महत्व है। जानें नंदी के कान में मनोकामना बोलने का सही तरीका, जिससे आपकी इच्छाएं जल्दी पूरी हो सकती हैं। इस लेख में हम नंदी की भूमिका और पूजा विधि के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
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सावन में नंदी के कान में मनोकामना बोलने का सही तरीका

सावन का महत्व और नंदी की भूमिका

सावन में नंदी के कान में मनोकामना बोलने का सही तरीका


सावन का महीना शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दौरान भगवान शिव की पूजा में भक्तों की बड़ी संख्या देखी जाती है। भक्तजन शिव जी से अपनी परेशानियों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं। शिव मंदिरों में नंदी की मूर्ति का होना अनिवार्य माना जाता है, क्योंकि नंदी भगवान शिव के प्रिय गणों में से एक हैं।


शास्त्रों में उल्लेख है कि नंदी भगवान शिव के परम भक्त हैं और हर शिव मंदिर में नंदी को द्वारपाल के रूप में स्थापित किया जाता है। शिव जी की पूजा बिना नंदी की पूजा के अधूरी मानी जाती है। भक्त जब शिव मंदिर में जाते हैं, तो वे नंदी के कान में अपनी मनोकामना व्यक्त करते हैं।


नंदी के कान में मनोकामना बोलने का सही तरीका

1. धर्म शास्त्रों के अनुसार, नंदी के कान में मनोकामना बोलने का एक विशेष तरीका है। यदि भक्त इस विधि का पालन करते हैं, तो उनकी इच्छाएं जल्दी पूरी होती हैं। शिव मंदिर में जाते समय नंदी की पूजा करना आवश्यक है, क्योंकि बिना नंदी की पूजा के शिवलिंग की पूजा से पूर्ण पुण्य नहीं मिलता।


2. पूजा-आरती के बाद किसी से बात न करें। अपनी मनोकामना नंदी के कान में कहें। मान्यता है कि भगवान शिव ने नंदी को यह वरदान दिया है कि जो भी व्यक्ति उसके कान में अपनी इच्छा कहेगा, उसकी इच्छा अवश्य पूरी होगी। नंदी भगवान शिव की तपस्या में विघ्न न डालने के लिए भक्तों की समस्याएं उनके कान में सुन लेते हैं।


3. जब आप नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहें, तो ध्यान रखें कि यह बाएं कान में ही हो। यह शुभ माना जाता है।


4. अपनी मनोकामना कहने के बाद नंदी के सामने कुछ अर्पित करें, जैसे पैसे, फल या मिठाई। ध्यान रखें कि किसी के लिए बुरा या अहित करने वाली मनोकामना न कहें।