शादी की सफलता के लिए आवश्यक ग्रह: जानें कौन से हैं ये चार महत्वपूर्ण ग्रह
शादी में ग्रहों का महत्व
शादी में इन ग्रहों का शुभ होना क्यों है ज़रूरी?Image Credit source: unsplash
सुखी विवाह के लिए ग्रहों का महत्व: ज्योतिष के अनुसार, विवाह मुहूर्त, पंचांग और शुभ घड़ी का ध्यान रखना आवश्यक है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि केवल सही समय पर विवाह करना ही सुखी दांपत्य जीवन की गारंटी नहीं है? शादी की सफलता और रिश्ते की मिठास के लिए कुंडली में कुछ खास ग्रहों का शुभ होना आवश्यक है। ये ग्रह न केवल विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करते हैं, बल्कि पति-पत्नी के बीच प्रेम और तालमेल को भी प्रभावित करते हैं। आइए जानते हैं वे चार प्रमुख ग्रह कौन से हैं और उनका शुभ होना आपके वैवाहिक जीवन के लिए क्यों आवश्यक है।
शुक्र (Venus): प्रेम और रिश्तों का ग्रह
ज्योतिष में शुक्र को प्रेम, रोमांस और विवाह का मुख्य कारक माना जाता है। यह भोग-विलास और जीवनसाथी के आकर्षण का भी प्रतीक है।
क्यों है ज़रूरी?
प्रेम विवाह में सफलता: यदि कुंडली में शुक्र मजबूत और शुभ स्थिति में है, तो यह प्रेम विवाह की सफलता की संभावना को बढ़ाता है।
रिश्ते में मधुरता: एक मजबूत शुक्र वैवाहिक रिश्ते में प्रेम और आकर्षण को बनाए रखता है, जिससे जीवन में मिठास बनी रहती है।
सुख-सुविधा: यह दांपत्य जीवन में भौतिक सुख और समृद्धि भी लाता है।
बृहस्पति (Jupiter): विवाह का कारक और सौभाग्य का दाता
बृहस्पति को ज्योतिष में सबसे शुभ ग्रह माना जाता है और इसे विवाह का कारक ग्रह भी कहा जाता है। विशेषकर, स्त्री की कुंडली में यह पति और वैवाहिक सुख का प्रतिनिधित्व करता है।
क्यों है ज़रूरी?
बाधा रहित विवाह: यदि कुंडली में बृहस्पति मजबूत और शुभ स्थिति में हो, तो विवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं।
दांपत्य जीवन में सुख: एक बलवान बृहस्पति दांपत्य जीवन में ज्ञान और समझदारी लाता है, जिससे रिश्ता सुखी और स्थिर रहता है।
चंद्रमा (Moon): मन और भावनात्मक जुड़ाव का स्वामी
चंद्रमा मन और भावनाओं का स्वामी है। वैवाहिक जीवन केवल शारीरिक जुड़ाव नहीं है, बल्कि यह दो मन और भावनाओं का भी मिलन है।
क्यों है ज़रूरी?
चंद्रमा का शुभ होना यह सुनिश्चित करता है कि पति-पत्नी के बीच मानसिक जुड़ाव और भावनात्मक तालमेल सही रहे।
सकारात्मक भावनाएं: यह जीवनसाथी के प्रति प्रेम और सहानुभूति जैसी सकारात्मक भावनाओं को नियंत्रित करता है।
मंगल (Mars): ऊर्जा, साहस और पति का सूचक
मंगल ग्रह ऊर्जा और साहस का प्रतीक है। इसे अक्सर मांगलिक दोष के कारण नकारात्मक रूप से देखा जाता है, लेकिन इसकी शुभ स्थिति भी महत्वपूर्ण है।
क्यों है ज़रूरी?
स्त्री की कुंडली में महत्व: ज्योतिष के अनुसार, विशेष रूप से स्त्री की कुंडली में मंगल को पति का सूचक माना जाता है।
रिश्ते में उत्साह: एक शुभ मंगल वैवाहिक रिश्ते में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखता है, जिससे जीवन में नीरसता नहीं आती।
