विनायक चतुर्थी 2025: पूजा के समय विशेष मंत्रों का जाप करें, संकट दूर होंगे
विनायक चतुर्थी 2025
विनायक चतुर्थी 2025
विनायक चतुर्थी का महत्व: हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान शिव के पुत्र गणेश जी को समर्पित है, जिन्हें विघ्नहर्ता माना जाता है। इस दिन विनायक चतुर्थी का उत्सव मनाया जाता है। भगवान गणेश ज्ञान और बुद्धि के दाता हैं और सभी बाधाओं को दूर करने में सक्षम हैं। इस दिन उनकी पूजा करना विशेष फलदायी होता है।
विनायक चतुर्थी के अवसर पर विधिपूर्वक भगवान गणेश की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन उनकी पूजा से सभी दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। पूजा के दौरान कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना भी आवश्यक है, जिससे जीवन के संकट समाप्त हो जाते हैं।
विनायक चतुर्थी तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास की चतुर्थी तिथि 24 नवंबर को सुबह 11:04 बजे प्रारंभ होगी और 25 नवंबर को दोपहर 1:11 बजे समाप्त होगी। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:04 बजे से दोपहर 1:11 बजे तक रहेगा।
गणेश मंत्र (Ganesh Ji Mantra)
1.ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
2.ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥
3. ‘गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।
4.ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
5.दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे॥
6.ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।
7. ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं चिरचिर गणपतिवर वर देयं मम वाँछितार्थ कुरु कुरु स्वाहा
8.गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत् ॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित् ।
9.ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।
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