वास्तुशास्त्र के अनुसार झाड़ू और पोंछा लगाने के सही तरीके
वास्तुशास्त्र का महत्व
वास्तुशास्त्र एक प्राचीन विज्ञान है, जो हमें यह समझने में मदद करता है कि घर, कार्यालय और व्यवसाय में कौन सी दिशा किस चीज के लिए उपयुक्त है। यह न केवल दिशा का निर्धारण करता है, बल्कि वास्तु दोषों के समाधान के उपाय भी बताता है।
झाड़ू का सही स्थान
झाड़ू घर में नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने में सहायक होती है। इसे खुले स्थान पर रखना अशुभ माना जाता है, इसलिए इसे छिपाकर रखना चाहिए।
भोजन कक्ष में झाड़ू नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि इससे अनाज जल्दी खत्म हो सकता है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
रात के समय दरवाजे के सामने झाड़ू रखना नकारात्मक ऊर्जा को रोकता है, लेकिन इसे दिन में छिपाकर रखना चाहिए।
झाड़ू खरीदने का सही समय कृष्णपक्ष है, जबकि शुक्लपक्ष में इसे खरीदना दुर्भाग्य लाता है।
झाड़ू को हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए और इसे छत या बाहर नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इससे चोरी का भय बना रहता है।
झाड़ू को छिपाकर रखना चाहिए ताकि यह घर के बाहर के लोगों को दिखाई न दे।
झाड़ू को पैर से छूना या लांघना नहीं चाहिए, क्योंकि इससे लक्ष्मी जी नाराज हो सकती हैं।
पोंछा लगाने के उपाय
घर में पोंछा लगाते समय पानी में थोड़ा नमक मिलाना चाहिए। इससे फर्श के सूक्ष्म कीटाणु समाप्त होते हैं और नकारात्मक ऊर्जा भी खत्म होती है।
पोंछा से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
नियमित पोंछा लगाने से घर में लक्ष्मी का वास होता है।
गुरुवार को पोंछा नहीं लगाना चाहिए, अन्य दिनों में इसे अवश्य करना चाहिए।
पानी में पांच चम्मच समुद्री नमक मिलाने से सकारात्मक प्रभाव जल्दी होता है।
झाड़ू से जुड़े अन्य संकेत
गाय या अन्य जानवरों को झाड़ू से नहीं मारना चाहिए, यह अपशकुन माना जाता है।
किसी विशेष कार्य के लिए घर से निकले व्यक्ति के जाने के बाद झाड़ू नहीं लगानी चाहिए।
झाड़ू को खड़ी करके नहीं रखना चाहिए, यह भी अपशकुन है।
नए घर में प्रवेश करते समय नई झाड़ू लेकर जाना शुभ माना जाता है।
सूर्यास्त के समय झाड़ू नहीं निकालनी चाहिए, यह अपशकुन है।
अगर कोई बच्चा अचानक झाड़ू लगा रहा है, तो समझें कि अनचाहे मेहमान आने वाले हैं।
महालक्ष्मी की कृपा के उपाय
देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए घर के आसपास किसी मंदिर में तीन झाड़ू रखनी चाहिए। यह एक पुरानी परंपरा है।
विशेष बातें
मंदिर में झाड़ू सुबह ब्रह्म मुहूर्त में रखनी चाहिए।
यह कार्य किसी विशेष दिन जैसे त्योहार या ज्योतिष के शुभ योग पर करना चाहिए।
इस कार्य को गुप्त रूप से करना चाहिए, क्योंकि शास्त्रों में गुप्त दान का विशेष महत्व है।
जिस दिन यह कार्य करना हो, उसके एक दिन पहले तीन झाड़ू खरीदकर लानी चाहिए।