वट पूर्णिमा 2025: पूजा विधि और उपाय

वट पूर्णिमा का महत्व
वट पूर्णिमा 2025 के उपाय: धार्मिक दृष्टिकोण से ज्येष्ठ मास का हर दिन विशेष महत्व रखता है। इस दौरान की गई पूजा से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। ज्येष्ठ पूर्णिमा को भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
इस दिन चंद्रमा ज्येष्ठा नक्षत्र में होता है, इसलिए इसे ज्येष्ठा पूर्णिमा कहा जाता है। इसे वट पूर्णिमा भी कहा जाता है, जब विवाहित महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं।
यह व्रत विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए करती हैं। यह सावित्री और सत्यवान की कथा से जुड़ा है, जिसमें सावित्री ने यमराज को प्रसन्न कर अपने पति को नया जीवन दिया था। शास्त्रों में इस दिन किए जाने वाले उपायों का उल्लेख है, जो पति की लंबी उम्र और सुखद जीवन का आशीर्वाद दिला सकते हैं।
वट पूर्णिमा 2025 की तिथि
वट पूर्णिमा 2025 कब है?
द्रिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा का आरंभ 10 जून 2025 को सुबह 11:35 बजे होगा और इसका समापन 11 जून को दोपहर 01:13 बजे होगा। उदयातिथि के अनुसार, इस वर्ष 11 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा मनाई जाएगी, जबकि व्रत रखने की सही तिथि 10 जून 2025 है।
वट पूर्णिमा के उपाय
- क्लेश दूर करने का उपाय: यदि आपकी वैवाहिक जीवन में समस्याएं हैं, तो इस दिन विवाहित महिलाएं भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। वट वृक्ष की परिक्रमा करें और उसके पास घी का दीपक जलाएं। इस उपाय से दांपत्य जीवन में सुधार हो सकता है।
- पति की लंबी आयु के लिए उपाय: वट पूर्णिमा के दिन शिव जी की पूजा करें और फिर वट वृक्ष की पूजा करें। पेड़ की जड़ में जल अर्पित करें और 11 बार परिक्रमा करें। इस उपाय से पति की लंबी उम्र की कामना की जा सकती है।
- अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद: इस दिन वट वृक्ष की पूजा करें और उस पर 11 बार लाल सूत लपेटें। साथ ही, पेड़ के पास घी का दीपक जलाएं। इस उपाय से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।