रूबी रत्न: लाभ, पहनने के तरीके और सावधानियाँ

रूबी रत्न, जिसे सूर्य ग्रह से जोड़ा जाता है, जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने की क्षमता रखता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि रूबी पहनने से आत्मविश्वास, सम्मान और स्वास्थ्य में कैसे सुधार हो सकता है। साथ ही, यह भी जानेंगे कि किन लोगों को इसे पहनने से बचना चाहिए और इसे पहनने का सही तरीका क्या है।
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रूबी रत्न: लाभ, पहनने के तरीके और सावधानियाँ

रूबी रत्न का महत्व


रूबी रत्न: हर व्यक्ति अपने जीवन में प्रगति, सम्मान, आत्मविश्वास और भाग्य की कामना करता है। ऐसे में यदि कोई रत्न सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है, तो इसके बारे में जानकारी लेना आवश्यक है। रूबी, जिसे अंग्रेजी में Ruby कहा जाता है, एक चमकदार और शक्तिशाली रत्न है जो सूर्य ग्रह से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि यदि इसे सही तरीके से सही व्यक्ति द्वारा पहना जाए, तो यह भाग्य को बदल सकता है। भोपाल के ज्योतिषी और वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा इस विषय पर अधिक जानकारी दे रहे हैं।


रूबी रत्न क्या है?

रूबी एक कीमती पत्थर है जो लाल या गुलाबी रंग में पाया जाता है। इसकी चमकदार उपस्थिति जितनी खूबसूरत है, इसका प्रभाव भी उतना ही मजबूत है। यह रत्न मूल रूप से सूर्य से संबंधित है। सूर्य का प्रभाव आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता, सम्मान और प्रतिष्ठा लाता है। रूबी को शरीर में सूर्य की ऊर्जा सीधे पहुंचाने का माध्यम माना जाता है।


रूबी पहनने के लाभ

1. आत्मविश्वास में वृद्धि – इसे पहनने से व्यक्ति का मनोबल बढ़ता है, और वह बिना हिचकिचाहट के अपने विचार रख सकता है।


2. सम्मान की प्राप्ति – यह रत्न व्यक्ति को सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में प्रतिष्ठा देता है।


3. पिता के साथ संबंधों में सुधार – सूर्य को पिता का प्रतीक माना जाता है, इसलिए यह पारिवारिक संबंधों में मिठास लाता है।


4. नेतृत्व क्षमता में वृद्धि – यह रत्न प्रशासन, राजनीति, शिक्षा या किसी जिम्मेदार पद पर रहने वालों के लिए बहुत लाभकारी हो सकता है।


5. शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार – विशेष रूप से आंखों, हड्डियों और दिल से संबंधित समस्याओं में राहत मिल सकती है।


किसे नहीं पहनना चाहिए रूबी?

- यदि आपका लग्न कन्या, तुला, मिथुन या कुंभ है, तो यह रत्न हानिकारक हो सकता है।


- उच्च रक्तचाप या दिल की बीमारी वाले लोगों को इसे पहनने से पहले पूरी जांच करानी चाहिए।


- जिनका काम शनि से संबंधित है, जैसे कि लोहे, पेट्रोल, खनिज या मशीनरी, उन्हें भी इससे दूर रहना चाहिए।


- यदि किसी के पिता के साथ बहुत खराब संबंध हैं या कोई दरार है, तो रूबी पहनने से विपरीत प्रभाव हो सकता है।


रूबी पहनने का तरीका

- यह रत्न साफ और पारदर्शी होना चाहिए।


- इसे सोने या तांबे की अंगूठी में पहनना सबसे अच्छा माना जाता है।


- इसे रविवार को दोपहर 12 बजे अंगूठे पर पहनना शुभ होता है।


- पहनने से पहले इसे गंगाजल से धोकर, सूर्य को अर्घ्य देकर, एक साफ लाल कपड़े पर रखकर, और मंत्रों से पूजा करनी चाहिए।


कौन से रत्नों के साथ रूबी नहीं पहननी चाहिए?

- नीलम, ओनिक्स, हीरा और ओपल के साथ इसे नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि ये रत्न रूबी के प्रभाव को कम कर सकते हैं या संघर्ष पैदा कर सकते हैं।


- रूबी के साथ टोपाज़ पहनना सबसे अच्छा माना जाता है।


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