रुद्राक्ष: लाभ और प्रकारों की जानकारी

रुद्राक्ष का महत्व
रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से मानी जाती है। इसे धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह जीवन की कई समस्याओं और भय से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है। रुद्राक्ष पहनने से मन में शांति और खुशी बनी रहती है, और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
रुद्राक्ष पहनने का सही तरीका

रुद्राक्ष को सही विधि से पहनना आवश्यक है। महाशिवरात्रि का दिन इसे धारण करने के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि 1 मार्च को है। शिव महापुराण में एक मुखी से लेकर 38 मुखी रुद्राक्षों का उल्लेख मिलता है, और प्रत्येक का अपना विशेष प्रभाव और लाभ होता है।
एक मुखी रुद्राक्ष
एक मुखी रुद्राक्ष

एक मुखी रुद्राक्ष अत्यधिक प्रभावशाली होता है। इसे पहनने से व्यक्ति की तरक्की होती है और एकाग्रता में वृद्धि होती है। यह विशेष रूप से आध्यात्मिक गुरुओं और छात्रों के लिए लाभकारी है। आत्मविश्वास और मनोबल में वृद्धि के लिए भी यह उपयोगी है। यदि कुंडली में सूर्य कमजोर हो, तो इसे धारण करना चाहिए। यह आंखों, सिरदर्द, पेट, हड्डियों और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं में भी राहत प्रदान करता है।
दो मुखी रुद्राक्ष
दो मुखी रुद्राक्ष

दो मुखी रुद्राक्ष शिव और शक्ति का प्रतीक है। इसे तब पहनना चाहिए जब चंद्रमा कमजोर हो। यह मानसिक मजबूती प्रदान करता है और सही निर्णय लेने में मदद करता है। यह पति-पत्नी के रिश्तों को भी सुधारने में सहायक होता है।
चार मुखी रुद्राक्ष
चार मुखी रुद्राक्ष

चार मुखी रुद्राक्ष रह्मा का स्वरूप है और यह चारों प्रकार के फल प्रदान करता है: धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। यह व्यक्ति की बुद्धि, धन और वैभव को बढ़ाता है। इसे पहनने से बीमारियों से भी राहत मिलती है। इसका संबंध बुध ग्रह से है, जिससे धारण करने वाला बुद्धिमान और संवाद में कुशल बनता है।
सात मुखी रुद्राक्ष
सात मुखी रुद्राक्ष

सात मुखी रुद्राक्ष शुक्र ग्रह का प्रतीक है। इसे पहनने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में धन की कमी नहीं होती। आर्थिक समस्याओं के समय यह रुद्राक्ष बहुत लाभकारी होता है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति को कला के क्षेत्र में निपुणता, सौंदर्य, सुख और प्रसिद्धि मिलती है।