रुद्राक्ष पहनने के नियम: जानें क्या करें और क्या न करें
रुद्राक्ष: एक पवित्र धारण
रुद्राक्ष
रुद्राक्ष को हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि इसे भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति को सुख और त्रिदेवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। हालांकि, इसे पहनने के कुछ नियम हैं जिन्हें ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है। इन नियमों का पालन न करने पर रुद्राक्ष का प्रभाव कम हो सकता है। अक्सर महिलाओं के मन में यह सवाल उठता है कि क्या मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष पहनना चाहिए और किन्हें इसे नहीं पहनना चाहिए। इस लेख में हम इन सभी सवालों का उत्तर देंगे।
रुद्राक्ष पहनने के लाभ
रुद्राक्ष पहनने के फायदे (Rudraksh pahnane ke fayde)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष पहनने से मन की शांति, तनाव में कमी और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है, शरीर को ऊर्जावान बनाए रखता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह हृदय संबंधी समस्याओं, शुगर और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से राहत भी प्रदान कर सकता है।
रुद्राक्ष पहनने के नियम
रुद्राक्ष पहनने के बाद के नियम (Rudraksh pahnane ke niyam)
सोने से पहले उतारें: रात को सोने से पहले रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए, क्योंकि सोते समय शरीर को अशुद्ध माना जाता है।
शौचालय जाते समय: बाथरूम या टॉयलेट में जाते समय रुद्राक्ष पहनकर न जाएं, बल्कि इसे बाहर ही उतार दें।
मासिक धर्म: महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए।
सूतक: किसी बच्चे के जन्म पर सूतक लगने पर उस घर में रुद्राक्ष पहनकर न जाएं।
मांस-मदिरा: रुद्राक्ष पहनकर मांस और मदिरा का सेवन न करें और ऐसी जगहों पर न जाएं जहां इनका सेवन होता हो।
साफ-सफाई: रुद्राक्ष को गंदे हाथों से न छुएं और स्नान करने के बाद ही इसे पहनें।
शेयर न करें: अपना रुद्राक्ष किसी और को न दें और न ही किसी और का रुद्राक्ष पहनें।
शोक सभा: किसी की मृत्यु होने पर शोक सभा में जाने से पहले रुद्राक्ष उतारकर घर पर रख दें।
