रुद्राक्ष पहनने के नियम: जानें क्या करें और क्या न करें

रुद्राक्ष, जो भगवान शिव के आंसुओं से बना माना जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस लेख में हम रुद्राक्ष पहनने के नियमों पर चर्चा करेंगे, जैसे कि गर्भवती महिलाओं को इसे पहनने से क्यों बचना चाहिए और सोते समय इसे उतारने की आवश्यकता क्यों है। जानें कि इन नियमों का पालन करने से आप भगवान शिव की कृपा कैसे प्राप्त कर सकते हैं।
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रुद्राक्ष पहनने के नियम: जानें क्या करें और क्या न करें

रुद्राक्ष का महत्व और पहनने के नियम

रुद्राक्ष पहनने के नियम: जानें क्या करें और क्या न करें


Prabhat Vaibhav, Digital Desk: हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को अत्यंत पवित्र माना जाता है। पुराणों के अनुसार, यह भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ था। भोलेनाथ स्वयं इसे धारण करते हैं, और इसे पहनने वाले भक्तों को शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। लेकिन, रुद्राक्ष पहनने के कुछ विशेष नियम हैं।


भगवान शिव के अनुयायी अक्सर रुद्राक्ष पहने हुए दिखाई देते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि रुद्राक्ष पहनने के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि आप जान सकें कि किन लोगों को इसे पहनने से बचना चाहिए।


गर्भवती महिलाओं को रुद्राक्ष पहनने से परहेज करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति रुद्राक्ष पहनता है, तो उसे माँ और बच्चे से दूर रहना चाहिए। यदि किसी कारणवश आपको उनके पास जाना पड़े, तो पहले रुद्राक्ष उतार दें।


इसके अलावा, किसी अपवित्र स्थान पर जाने से पहले भी रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए। इससे इसकी पवित्रता बनी रहती है।


हिंदू पुराणों में यह भी कहा गया है कि सोते समय रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। रात को सोने से पहले इसे अवश्य उतार लें और तकिए के नीचे रख दें। ऐसा करने से बुरे सपने आने की संभावना कम हो जाती है।


यदि आप इन नियमों का पालन करते हैं, तो भोलेनाथ आपसे प्रसन्न रहेंगे और उनकी कृपा आपके साथ बनी रहेगी। लेकिन यदि आप इन बातों की अनदेखी करते हैं, तो इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे।