राम मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का विशेष आयोजन

राम मंदिर का ऐतिहासिक दिन
आज राम मंदिर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि आज दूसरी बार राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है, जिसमें भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान शामिल हैं। यह समारोह मंदिर के पहले तल पर आयोजित किया जा रहा है।
तीन दिवसीय उत्सव का समापन
यह विशेष आयोजन तीन दिवसीय उत्सव का अंतिम चरण है, जो 3 जून से शुरू हुआ था। मुख्य समारोह आज, 5 जून को सुबह 11 बजे होगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे, और आज उनका 53वां जन्मदिन भी है, जो इस अवसर को और खास बनाता है। इस आयोजन का आयोजन अंजनेय सेवा ट्रस्ट द्वारा किया गया है।
समारोह में क्या होगा?
अंजनी सेवा संस्थान के शशिकांत महाराज ने समारोह की विस्तृत जानकारी दी है। यह कार्यक्रम पारंपरिक वेदिक मंत्रों और हवन से शुरू होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भगवान राम और सीता की मूर्तियों की 'आंखों का अनावरण' करेंगे, जो मूर्तियों में जीवन लाने का प्रतीक है। यह आयोजन 'राजा राम' के रूप में भगवान राम को दर्शाता है।
राम दरबार की भव्य मूर्तियाँ
राम दरबार में भगवान राम और माता सीता की एक सुंदर मूर्ति होगी, जो दो फीट ऊंचे सफेद संगमरमर के सिंहासन पर विराजमान होंगी। उनके पास हनुमान और लक्ष्मण की मूर्तियाँ भी बैठी होंगी। ये सभी मूर्तियाँ और उनका सिंहासन जयपुर के शुद्ध सफेद संगमरमर से बने हैं। राम की मूर्ति पर मनिष तिवारी द्वारा डिज़ाइन किए गए आभूषणों और सोने के धागे से बने वस्त्र होंगे।
सुरक्षा और भक्तों के लिए उत्सव
इस आयोजन को सुरक्षित और सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए अयोध्या में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पुलिस बल जैसे CRPF, SSF और PAC तैनात हैं। विशेष कार्यक्रम के बावजूद, नियमित आगंतुक राम लल्ला को देखने आ सकते हैं।
विशेष रूप से, लखनऊ से 62,000 'प्रसाद' के डिब्बे भेजे जा रहे हैं, जिनमें मीठी बर्फी शामिल है।
राम मंदिर प्राचीन नागर शैली में निर्मित है, जिसमें देवताओं और देवी-देवियों की सुंदर नक्काशी की गई है। जबकि सीमित लोग पहले तल पर समारोह में जा सकते हैं, दूसरे तल पर रामायण की कहानी कई भाषाओं में प्रदर्शित की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2024 को मुख्य राम मंदिर का उद्घाटन किया था, जब भगवान राम के 'बाल रूप' की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। आज का आयोजन 'राजा राम' के रूप में भगवान राम की दिव्य अदालत की तस्वीर को पूरा करता है।