मीरा बाई जयंती 2025: भगवान श्री कृष्ण की अनन्य भक्त की कहानी

मीरा बाई की जयंती 2025 पर जानें उनकी अद्भुत भक्ति की कहानी। कैसे एक राजकुमारी ने भगवान श्री कृष्ण को अपना पति मान लिया और समाज के विरोध के बावजूद अपनी भक्ति को बनाए रखा। इस लेख में हम मीराबाई के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करेंगे, जो उनकी भक्ति और प्रेम को दर्शाते हैं।
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मीरा बाई जयंती 2025: भगवान श्री कृष्ण की अनन्य भक्त की कहानी

मीरा बाई जयंती 2025

मीरा बाई जयंती 2025: भगवान श्री कृष्ण की अनन्य भक्त की कहानी

मीराबाई जयंती 2025

मीराबाई का जन्म आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हुआ था, और आज इसी दिन उनकी जयंती मनाई जा रही है। मीराबाई को भगवान श्रीकृष्ण की एक महान भक्त के रूप में जाना जाता है। वे भक्ति गीत गाने और भक्तिमय नृत्य करने के लिए प्रसिद्ध थीं। आज हम आपको मीराबाई से जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारियाँ साझा करेंगे।

कहा जाता है कि मीराबाई का जन्म 1498 में राजस्थान के जोधपुर में हुआ था। वे राजा रतन सिंह की संतान थीं और उनका विवाह मेवाड़ के राजकुमार भोजराज से हुआ था। लेकिन मीराबाई का मन हमेशा भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में लगा रहता था।

बचपन से श्री कृष्ण की दीवानी

मीराबाई बचपन से ही कविताएँ लिखती थीं और मंदिरों में नृत्य करती थीं। एक बार, जब उनके पड़ोस में किसी लड़की की बारात आई, तो उन्होंने अपनी माँ से पूछा कि उनका दूल्हा कौन है।

पति की मृत्यु के बाद भक्ति में वृद्धि

मीराबाई की माँ ने भगवान श्री कृष्ण की ओर इशारा करते हुए कहा कि वही उनके दूल्हे हैं। इसके बाद से मीराबाई ने श्री कृष्ण को अपना पति मान लिया। उनके पति की मृत्यु के कुछ वर्षों बाद, समाज ने उन्हें सती करने का प्रयास किया, लेकिन मीराबाई ने ऐसा नहीं किया क्योंकि वे श्री कृष्ण को अपना पति मानती थीं। उनके पति की मृत्यु के बाद उनकी भक्ति और भी गहरी हो गई।