महादेव की महिमा: एक श्रद्धांजलि

इस लेख में, डॉ. सरिता चौहान द्वारा रचित एक कविता प्रस्तुत की गई है, जिसमें महादेव की महिमा और उनके विभिन्न नामों का वर्णन किया गया है। यह कविता श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है, जो पाठकों को महादेव के प्रति अपनी आस्था को और गहरा करने के लिए प्रेरित करती है। जानें कैसे महादेव हमारे जीवन में महत्वपूर्ण हैं और उनकी स्तुति का महत्व क्या है।
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महादेव की महिमा: एक श्रद्धांजलि

महादेव की स्तुति

हे! देवाधिदेव महादेव, आप आशुतोष और कृपालु हैं। आपकी दया और करुणा अनंत है। आप मृत्युंजय और त्र्यंबक हैं, महेश और विश्वेश हैं।


आपके गले में सांपों की माला है और आप मृगछाल में लिपटे हुए हैं। आप बाघाम्बर धारी और त्रिशूल धारी हैं।


आप बैल की सवारी करते हैं और डमरू बजाते हैं। आप कैलाशी और अविनाशी हैं, शशांक और शेखर हैं।


आप विश्वनाथ और भोलेनाथ हैं, नागेश्वर और शिव शंकर हैं। आप महेश और गिरीश हैं, ईश्वर और जगदीशश्वर हैं।


आप शूलपाणी, माहेश्वर, विश्वंभर, योगेश्वर, त्रिलोकीनाथ और त्रिलोचनाय हैं।


आप सर्वेश्वर और दानेश्वर हैं। आपके शीश पर गंगा है और गले में भुजंग है। सुर, नर और मुनिजन आपकी स्तुति करते हैं।


आप संचालक और पालक हैं, सत्य, शिव और सुंदर हैं। हे! देवाधिदेव महादेव।


लेखक की पहचान

स्वरचित


डॉ. सरिता चौहान


पीएम एडी राजकीय


कन्या इंटर कॉलेज, गोरखपुर


उत्तर प्रदेश