मंगल का तुला में गोचर: सिंह, कन्या, तुला और वृश्चिक पर प्रभाव

तुला में मंगल का गोचर सभी राशियों में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। यह गोचर करियर, वित्त, और स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है। जानें कि यह गोचर सिंह, कन्या, तुला और वृश्चिक पर कैसे असर डालेगा और उनके लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
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मंगल का तुला में गोचर: सिंह, कन्या, तुला और वृश्चिक पर प्रभाव

मंगल का गोचर और इसका प्रभाव


तुला में मंगल का गोचर सभी राशियों में ऊर्जा, मेहनत और बदलाव की लहर लाता है। यह गोचर करियर, साझेदारियों, वित्त और स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है। आइए जानते हैं कि यह गोचर सिंह, कन्या, तुला और वृश्चिक पर कैसे असर डालेगा।

मंगल का तुला में गोचर: सिंह, कन्या, तुला और वृश्चिक पर प्रभाव


सिंह

सिंह

सिंह के लिए, मंगल नौवें और चौथे भाव का स्वामी है। तुला से तीसरे भाव में मंगल का गोचर साहस, संचार और यात्रा को बढ़ाएगा। मंगल का छठे भाव पर दृष्टि प्रतिस्पर्धात्मक भावना को मजबूत करेगी। नौवें भाव पर दृष्टि उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करेगी। हालांकि, दसवें भाव पर दृष्टि करियर में उन्नति लाएगी, लेकिन उच्च अधिकारियों के साथ अप्रत्याशित मतभेद भी हो सकते हैं।

उपाय
शनिवार की शाम पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं।


कन्या

कन्या

कन्या के लिए, मंगल आठवें और तीसरे भाव का स्वामी है। तुला से दूसरे भाव में मंगल का गोचर वाणी, परिवार और धन पर प्रभाव डालेगा। मंगल का पांचवे भाव पर दृष्टि बच्चों और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगी। आठवें भाव पर दृष्टि स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने का संकेत देती है। नौवें भाव पर दृष्टि धार्मिक गतिविधियों के लिए अनुकूल है। परिवारिक विवादों से दूर रहें।

उपाय
मंगलवार को गुड़ और लाल वस्त्र दान करें।


तुला

तुला

तुला के लिए, मंगल सातवें और दूसरे भाव का स्वामी है। मंगल तुला से पहले भाव में गोचर करेगा। इससे ऊर्जा, महत्वाकांक्षा और व्यक्तिगत प्रगति बढ़ेगी, लेकिन यह अधीरता और क्रोध भी ला सकता है। चौथे भाव पर दृष्टि पारिवारिक शांति को प्रभावित कर सकती है। सातवें भाव पर दृष्टि रिश्तों को गहरा करेगी। आठवें भाव पर दृष्टि निवेश में सतर्क रहने का संकेत देती है।

उपाय
मंगलवार को उपवास रखें और "ॐ मंगलाय नमः" का 108 बार जाप करें।


वृश्चिक

वृश्चिक

वृश्चिक के लिए, मंगल लग्न और छठे भाव का स्वामी है। मंगल तुला से बारहवें भाव में गोचर करेगा, जिससे खर्च, एकाकीपन और विदेशी संबंध सक्रिय होंगे। मंगल की तीसरे भाव पर दृष्टि साहस प्रदान करेगी, लेकिन जल्दबाजी से बचना चाहिए। छठे भाव पर दृष्टि प्रतिस्पर्धा में विजय दिलाएगी, जबकि सातवें भाव पर दृष्टि रिश्तों को प्रभावित करेगी। नींद में बाधा आ सकती है।

उपाय
"हनुमान बाहुक" का पाठ करें।
भगवान हनुमान को सिंदूर अर्पित करें।


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