भूमि दोष: जानें इसके लक्षण और निवारण के उपाय

भूमि दोष एक महत्वपूर्ण वास्तु दोष है, जो घर में कलह और आर्थिक समस्याओं का कारण बन सकता है। इस लेख में, हम भूमि दोष के लक्षणों और इसके निवारण के उपायों पर चर्चा करेंगे। जानें कि कैसे जागृत, सुप्त और मृत भूमि की अवस्थाएं आपके जीवन को प्रभावित कर सकती हैं और किस प्रकार आप इन समस्याओं से निपट सकते हैं।
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भूमि दोष: जानें इसके लक्षण और निवारण के उपाय

भूमि दोष के बारे में जानकारी

भूमि दोष: जानें इसके लक्षण और निवारण के उपाय

भूमि दोष उपाय

भूमि दोष के उपाय: वास्तु शास्त्र में विभिन्न प्रकार के दोषों का उल्लेख किया गया है, जिनमें से एक महत्वपूर्ण दोष भूमि दोष है। मान्यता है कि यदि किसी घर में भूमि दोष होता है, तो वहां के निवासियों के बीच अक्सर विवाद और कलह बनी रहती है। इसके अलावा, परिवार के सदस्य आर्थिक समस्याओं का सामना करते हैं। आइए, भूमि दोष के लक्षण और इसके निवारण के उपायों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, भूमि की तीन अवस्थाएं होती हैं: जागृत, सुप्त और मृत। व्यक्ति अपनी कुंडली के माध्यम से अपनी भूमि की स्थिति का पता लगा सकता है। ग्रहों की स्थिति भूमि की अवस्था को प्रभावित करती है। मृत भूमि घर की समृद्धि और सुख में बाधा डालती है।

भूमि दोष के लक्षण

  • जिस घर में भूमि दोष होता है, वहां पालतू जानवरों की सेहत अक्सर खराब रहती है। गाय, कुत्ता और बिल्ली जैसे जानवरों की असामयिक मृत्यु हो जाती है।
  • भूमि दोष वाले घर में निवासियों के साथ दुर्घटनाएं होती रहती हैं, जैसे अचानक आग लगना या सड़क दुर्घटनाएं। इसके अलावा, घर में कोई न कोई सदस्य हमेशा बीमार रहता है।

भूमि दोष के निवारण के उपाय

भूमि दोष को दूर करने के लिए, उस भूमि की डेढ़ से दो फीट मिट्टी निकालकर फेंक देना चाहिए। इसके अलावा, हर साल विधिपूर्वक और शुभ मुहूर्त में विश्वकर्मा पूजा कराना चाहिए। इससे वास्तु दोष और भूमि दोष दोनों समाप्त होते हैं, जिससे घर में शांति स्थापित होती है।

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(यह जानकारी वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों और सामान्य ज्ञान पर आधारित है। इसकी पुष्टि नहीं की जाती है।)