प्रेमानंद महाराज का मार्गदर्शन: संकट में संत या ज्योतिष, किसकी सुनें?

प्रेमानंद महाराज ने हाल ही में एक प्रवचन में संकट के समय संत और ज्योतिष के उपायों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि संकट में भजन का महत्व क्या है और किसकी सलाह पर भरोसा करना चाहिए। जानें उनके द्वारा दिए गए उपाय और संकट से उबरने के तरीके।
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प्रेमानंद महाराज का मार्गदर्शन: संकट में संत या ज्योतिष, किसकी सुनें?

प्रेमानंद जी महाराज का परिचय

प्रेमानंद महाराज का मार्गदर्शन: संकट में संत या ज्योतिष, किसकी सुनें?

प्रेमानंद महाराज


प्रेमानंद जी महाराज: वर्तमान समय में प्रेमानंद जी महाराज का नाम किसी से छिपा नहीं है। वृंदावन के इस प्रसिद्ध संत और आध्यात्मिक गुरु ने अपने ज्ञान से लाखों लोगों को मार्गदर्शन दिया है और जीवन की कठिनाइयों से उबरने के उपाय भी साझा किए हैं। जब भी कोई व्यक्ति किसी संकट में होता है, तो वह संतों के पास जाता है, जो अलग-अलग उपाय बताते हैं, जबकि ज्योतिषी कुछ और सुझाव देते हैं। ऐसे में सही मार्गदर्शन पाने के लिए प्रेमानंद महाराज ने अपनी राय दी है।


संकट में किसकी सुनें?

संकट में किसकी सुनें?

हाल ही में एक प्रवचन के दौरान, एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि जब संकट आता है, तो साधु-संत और ज्योतिषाचार्य अलग-अलग उपाय बताते हैं, जिससे भ्रम उत्पन्न होता है कि किसकी बात मानें।


भजन का महत्व

सिर्फ भजन टाल सकता है संकट

इस प्रश्न का उत्तर देते हुए प्रेमानंद महाराज ने कहा, “आपके भजन के बिना कोई भी आपके संकट को नहीं टाल सकता है। कोई भी आपकी परेशानी दूर करने का दावा कर सकता है, लेकिन असल में केवल आपका भजन ही संकट को टाल सकता है।”


संकट से उबरने के उपाय

प्रेमानंद महाराज ने बताया संकट दूर करने का उपाय

प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा कि जब समस्या आती है, तो हम घबराकर भगवान से सुनने की चिंता करते हैं और इधर-उधर उपाय खोजने लगते हैं। कोई कहता है तेल चढ़ाओ, कोई और उपाय बताता है। ऐसे में, संकट में इधर-उधर जाने के बजाय, केवल 'राधा राधा' का जाप करें, क्योंकि जहां राधा है, वहां कोई बाधा नहीं है। आप इसे आजमा कर देख सकते हैं।


भगवान की शरण में

कोई भी समस्या, चाहे बड़ी हो या छोटी, केवल भगवान की शरण में भागकर और नाम जपते रहकर ही हल की जा सकती है। इसलिए, किसी भी संकट में भगवान से मंगल की कामना करनी चाहिए।