प्यार से बात करने में सावधानी: गरुड़ पुराण के अनुसार
प्यार से बात करने की सीमाएं
कहते हैं कि प्यार से संवाद करने से सभी समस्याएं हल हो जाती हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो प्यार की इस भाषा को नहीं समझते। जैसे कि कहा जाता है, 'लातों के भूत बातों से नहीं मानते', ऐसे ही कुछ व्यक्तियों के साथ भी यही स्थिति होती है। आज हम आपको उन पांच प्रकार के लोगों के बारे में बताएंगे, जिनसे आपको कभी भी प्यार से बात नहीं करनी चाहिए। इनका उल्लेख गरुड़ पुराण में भी किया गया है।
गरुड़ पुराण, जो कि सनातन धर्म के 18 महापुराणों में से एक है, जीवन जीने के तरीकों के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इसमें यह भी बताया गया है कि कर्मों के अनुसार मृत्यु के बाद क्या होता है। कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति गरुड़ पुराण में दिए गए उपदेशों को अपने जीवन में उतार ले, तो उसका वर्तमान जीवन और मृत्यु के बाद का जीवन दोनों ही सुखद हो जाते हैं।
इन लोगों से प्यार से बात करना बेकार
1. गुस्से वाले व्यक्तियों के साथ प्यार से बात करना बेकार है। यदि आप उनसे शांतिपूर्ण तरीके से बात करेंगे, तो वे आपको कमजोर समझेंगे और आपको दबाने की कोशिश करेंगे। ऐसे व्यक्तियों के साथ कठोरता से पेश आना ही उचित है, ताकि वे अपनी सीमाओं में रहें।
2. लापरवाह लोगों के साथ भी विनम्रता से बात करना मूर्खता है। ये लोग अक्सर आपके काम को टालने का बहाना ढूंढते हैं। इसलिए, इन पर दया दिखाने से आपका काम नहीं होगा। थोड़ी सख्ती दिखाकर आप उनसे जल्दी काम निकलवा सकते हैं।
3. नौकरों के साथ भी प्रेम से पेश नहीं आना चाहिए। यदि आप उनके साथ बहुत नम्र रहेंगे, तो वे आपको अपना दोस्त समझेंगे। इससे वे आपके आदेशों का पालन नहीं करेंगे। इसलिए, सख्ती से पेश आने पर वे आपका काम समय पर और ईमानदारी से करेंगे।
4. महिलाओं के साथ भी अत्यधिक प्यार से बात नहीं करनी चाहिए। समय-समय पर सख्त होकर बात करने से वे घर को एकजुट रख सकेंगी। अधिक प्यार से पेश आने पर वे निरंकुश हो जाएंगी और अपनी मनमानी करेंगी।
5. ढोलक और अन्य वाद्य यंत्रों के साथ भी प्यार से पेश आना मूर्खता है। इन्हें प्यार से बजाने पर अच्छी आवाज नहीं मिलेगी। जबकि कठोरता से पीटने पर ये आपकी पसंद की आवाज निकालेंगे।
