पत्नी के चार अनिवार्य गुण: गरुड़ पुराण के अनुसार
इस लेख में हम गरुड़ पुराण के अनुसार पत्नी के चार अनिवार्य गुणों के बारे में चर्चा करेंगे। जानें कि ये गुण कैसे पति को भाग्यशाली बनाते हैं और परिवार में सुख-शांति बनाए रखते हैं। पढ़ें और जानें कि एक पत्नी में कौन से गुण होने चाहिए जो उसे एक आदर्श साथी बनाते हैं।
| Nov 23, 2025, 08:01 IST
पत्नी के गुणों का महत्व
पति और पत्नी एक-दूसरे के पूरक होते हैं, और पत्नी को अर्धांगिनी कहा जाता है, जिसका अर्थ है पति का आधा हिस्सा। महाभारत के युद्ध के दौरान भीष्म पितामह ने कहा था कि स्त्री को हमेशा खुश रखना चाहिए, क्योंकि वह वंश की उत्पत्ति का आधार होती है। यदि हम अपनी पत्नियों का सम्मान करें और उनकी देखभाल करें, तो इससे हमारे परिवार में सुख और शांति बनी रहती है। हिंदू शास्त्रों में कहा गया है कि जिस घर में पत्नी की पूजा होती है, वहां देवियों का वास होता है। इस लेख में हम गरुड़ पुराण के अनुसार पत्नियों के चार महत्वपूर्ण गुणों के बारे में चर्चा करेंगे।
पत्नी में होने चाहिए ये चार गुण
- पहला गुण: पत्नी को ग्रहों का संचालन करने की क्षमता होनी चाहिए। इसमें खाना बनाना, सफाई करना, घर को सजाना, कपड़े और बर्तन व्यवस्थित रखना, बच्चों की जिम्मेदारियों का ध्यान रखना और मेहमानों का सत्कार करना शामिल है।
- दूसरा गुण: पत्नी को हमेशा मीठी भाषा में बात करनी चाहिए और पति को दुख पहुंचाने वाले शब्दों से बचना चाहिए। पति को भी उसकी बातों को ध्यान से सुनना चाहिए और उसके भावनाओं को समझना चाहिए।
- तीसरा गुण: पत्नी को अपने पति के आदेशों का पालन करना चाहिए और उनकी सेवा में तत्पर रहना चाहिए। उसे ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे पति को ठेस पहुंचे।
- चौथा गुण: पत्नी का धर्म है कि वह अपने पति और परिवार के हित में सोचें। उसे अपनी मान मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए, नियमित स्नान करना चाहिए, सजना-संवरना चाहिए और अपने धर्म का पालन करना चाहिए।
