पंचक काल: जानें किन कार्यों से बचें और क्या करें

पंचक काल, जो कि ज्योतिष के अनुसार एक अशुभ समय माना जाता है, में कुछ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है। इस लेख में जानें कि किन कार्यों से बचना चाहिए और राज पंचक के दौरान कौन से शुभ कार्य किए जा सकते हैं। यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, खासकर यदि आप धार्मिक मान्यताओं का पालन करते हैं।
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पंचक काल: जानें किन कार्यों से बचें और क्या करें

पंचक काल का महत्व

पंचक में भूल से भी न करें ये काम

Panchak Kaal: हिन्दू ज्योतिष के अनुसार, पंचक काल को अत्यंत अशुभ समय माना जाता है। यह समय तब आता है जब चंद्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्रों में गोचर करता है। यह अवधि लगभग पांच दिनों की होती है। इस दौरान कुछ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इन कार्यों का अशुभ प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है, जिससे बाद में पछतावा हो सकता है। हालांकि, राज पंचक को शुभ माना जाता है और इस दौरान कुछ मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं, लेकिन कुछ कार्य ऐसे हैं जो किसी भी पंचक में वर्जित माने जाते हैं।

पंचांग के अनुसार, आज से पंचक की शुरुआत हो रही है। जून 2025 में यह राज पंचक 16 जून सोमवार को सुबह 11:32 बजे से शुरू होगा और 20 जून शुक्रवार को शाम 6:49 बजे समाप्त होगा।


भूल से भी न करें ये काम

  1. लकड़ी या ईंधन का संग्रह: धनिष्ठा नक्षत्र के दौरान लकड़ी या ईंधन इकट्ठा करना या खरीदना अशुभ माना जाता है। इससे अग्नि का भय रहता है और आग लगने की संभावना बढ़ जाती है।
  2. दक्षिण दिशा की यात्रा: दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता है। पंचक के दौरान इस दिशा में यात्रा करना हानिकारक माना गया है। यात्रा में बाधाएं आ सकती हैं और दुर्घटना का डर रहता है। यदि यात्रा आवश्यक हो, तो हनुमान जी को 5 फल चढ़ाकर यात्रा शुरू करें।
  3. घर की छत डालना/निर्माण कार्य: खासतौर पर रेवती नक्षत्र के दौरान घर की छत डालना अशुभ माना गया है। इससे धन हानि और घर में क्लेश हो सकता है।
  4. पलंग या चारपाई का निर्माण: पंचक के दौरान पलंग, चारपाई या किसी भी प्रकार की शय्या का निर्माण करना अशुभ माना जाता है। इससे परिवार के सदस्यों पर संकट आ सकता है।
  5. शव का अंतिम संस्कार: अंतिम संस्कार पंचक का सबसे महत्वपूर्ण और वर्जित कार्य माना जाता है। यदि पंचक में किसी की मृत्यु होती है और उसका अंतिम संस्कार इसी समय किया जाता है, तो परिवार में अगले पांच दिनों में और मृत्यु हो सकती हैं। यदि ऐसा करना पड़े, तो किसी योग्य पंडित से पंचक शांति कराकर ही शव का दाह संस्कार करें। इसके साथ ही, शव के साथ कुश के पांच पुतले बनाकर उनका भी दाह संस्कार करना चाहिए। यह पंचक दोष को शांत करता है.


राज पंचक में क्या कर सकते हैं?

हालांकि पंचक में कुछ कार्य वर्जित होते हैं, जून में पड़ने वाला यह राज पंचक शुभ माना जाता है। इस दौरान कुछ विशेष मांगलिक और शुभ कार्य किए जा सकते हैं। राज पंचक के दौरान सरकारी कामकाज या राजनीति से जुड़े कार्यों की शुरुआत करना शुभ रहेगा। संपत्ति की खरीद-बिक्री या अन्य संपत्ति संबंधी कार्य करना भी फायदेमंद हो सकता है। शुभ और मांगलिक कार्य जैसे गृह प्रवेश (कुछ विशेष स्थितियों में), विवाह, मुंडन आदि किए जा सकते हैं, बशर्ते कि उन पर पंचक के अन्य विशिष्ट नियम लागू न हों.