नवरात्रि कलश स्थापना: जानें शुभ मुहूर्त और आवश्यक सामग्री

नवरात्रि का पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। इस दौरान कलश स्थापना एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसे विधिपूर्वक करना आवश्यक है। जानें 22 सितंबर 2025 को होने वाली कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, आवश्यक सामग्री और पूजा की विधि। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप इस पर्व को सही तरीके से मनाकर देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
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नवरात्रि कलश स्थापना: जानें शुभ मुहूर्त और आवश्यक सामग्री

नवरात्रि कलश स्थापना का महत्व

नवरात्रि कलश स्थापना: जानें शुभ मुहूर्त और आवश्यक सामग्री

नवरात्रि कलश स्थापना


नवरात्रि के दौरान कलश स्थापना, जिसे घट स्थापना भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इस अनुष्ठान के बिना नवरात्रि का पर्व अधूरा माना जाता है। भक्त इस दिन अपने घर में विधिपूर्वक कलश स्थापित करते हैं और नौ दिनों तक इसकी पूजा करते हैं। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की घट स्थापना 22 सितंबर 2025 को होगी। कलश स्थापना के लिए प्रतिपदा तिथि का पहला एक तिहाई भाग सबसे शुभ समय माना जाता है।


कलश स्थापना के लिए आवश्यक सामग्री

नवरात्रि कलश स्थापना के लिए क्या सामग्री चाहिए?



  • कलश (मिट्टी, तांबा या पीतल का)

  • शुद्ध जल

  • हल्दी की गांठ

  • सुपारी

  • सिक्का

  • चावल

  • कुछ पत्ते (आम या अशोक)

  • नारियल

  • लाल कपड़ा

  • मौली (कलावा)

  • रोली और चंदन

  • अक्षत (साबुत चावल)

  • फल और मिठाई (भोग के लिए)

  • धूपबत्ती और घी का दीपक

  • अखंड ज्योति के लिए पात्र और घी या तेल

  • जौ (बालू की वेदी पर बोए जाते हैं)


कलश स्थापना की विधि

नवरात्रि कलश स्थापना कैसे करें?


शुद्धिकरण: सबसे पहले घर और मंदिर को साफ करें और स्नान करें।


कलश तैयार करें: एक चौकी पर बालू की वेदी बनाकर उसमें जौ बोएं। फिर एक कलश के नीचे रोली और अक्षत रखें।


कलश में सामग्री डालें: कलश में गंगाजल डालें, फिर शुद्ध जल से कंठ तक भरें। कलश में हल्दी की गांठ, सुपारी, सिक्का और चावल डालें।


पत्ते और नारियल लगाएं: कलश पर पांच या सात आम या अशोक के पत्ते लगाएं और इन पत्तों पर तिलक करें। नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश के ऊपर स्थापित करें, नारियल का मुख आपकी ओर होना चाहिए।


अखंड ज्योति जलाएं: कलश स्थापना के बाद घर के मंदिर में अखंड ज्योति प्रज्वलित करें।


देवी पूजा: कलश के सामने माता दुर्गा की चौकी स्थापित करें और माता को चुनरी, सिंदूर, फूल और हार अर्पित करें।


भोग लगाएं: दुर्गा माता को मीठा प्रसाद या फल अर्पित करें।


संकल्प लें: नवरात्रि के 9 दिनों के लिए देवी की पूजा का संकल्प लें।


कलश का पूजन: वरुण देवता का आह्वान करते हुए कलश में पधारने की प्रार्थना करें। फिर रोली, अक्षत, चंदन व पुष्प आदि से कलश का पूजन करें।


इसके बाद संकल्प लेने के बाद नौ दिनों के लिए अखंड ज्योति जलाएं और नवरात्रि के पूजा कलश के नारियल को प्रवाहित कर दें।