धनतेरस पर नया वाहन खरीदने की परंपरा: जानें इसके पीछे के कारण

धनतेरस पर नया वाहन खरीदने की परंपरा का भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व है। इस दिन की खरीदारी को शुभ माना जाता है, और इसके पीछे कई धार्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं। जानें कैसे यह परंपरा सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रतीक है, और क्यों लोग इस दिन नए वाहन को प्राथमिकता देते हैं।
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धनतेरस पर नया वाहन खरीदने की परंपरा: जानें इसके पीछे के कारण

धनतेरस पर वाहन खरीदने की परंपरा

धनतेरस पर नया वाहन खरीदने की परंपरा: जानें इसके पीछे के कारण

धनतेरस 2025Image Credit source: PTI


धनतेरस पर वाहन खरीदने की परंपरा: भारत में त्योहारों का विशेष महत्व है, और सुख-समृद्धि के संदर्भ में धनतेरस का पर्व सबसे पहले ध्यान में आता है। दीपावली की शुरुआत इसी दिन होती है, जिसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है। इस दिन सोने, चांदी, बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। हाल के वर्षों में, धनतेरस पर नया वाहन खरीदना भी एक महत्वपूर्ण परंपरा बन गया है। क्या आपने कभी सोचा है कि लोग इस दिन नया वाहन क्यों खरीदते हैं? इसके पीछे केवल आधुनिकता नहीं, बल्कि धार्मिक मान्यताएँ, ज्योतिष और सांस्कृतिक कारण भी हैं, जो सुख-समृद्धि के द्वार खोलते हैं।


शुभ मुहूर्त और 13 गुना लाभ की मान्यता


धनतेरस पर किसी भी नई वस्तु की खरीदारी को अत्यंत शुभ माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, इस दिन खरीदी गई वस्तु में 13 गुना अधिक वृद्धि होती है।


स्थिर लक्ष्मी का वास: धनतेरस पर खरीदारी करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उनके स्थायी वास का संकेत मिलता है। वाहन को भी संपत्ति के रूप में देखा जाता है।


13 गुना लाभ: जब आप धनतेरस के शुभ मुहूर्त में कोई बड़ा निवेश करते हैं, तो यह माना जाता है कि उस वस्तु का सुख और लाभ साल भर 13 गुना बढ़ जाता है। नया वाहन खरीदने पर यह मान्यता है कि यह आपके जीवन में प्रगति की गति को 13 गुना बढ़ा देता है।


भगवान धन्वंतरि और स्वास्थ्य का आशीर्वाद


धनतेरस का पर्व मुख्य रूप से भगवान धन्वंतरि की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो आयुर्वेद के जनक और देवताओं के वैद्य हैं।


सुरक्षा और स्वास्थ्य: भगवान धन्वंतरि स्वास्थ्य के देवता हैं। वाहन खरीदते समय लोग प्रार्थना करते हैं कि यह वाहन उनके और उनके परिवार के लिए सुरक्षा और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन खरीदा गया वाहन दुर्घटनाओं और बीमारियों से मुक्त रहेगा।


जीवन में गति और प्रगति: वाहन केवल एक वस्तु नहीं, बल्कि जीवन की गति और प्रगति का प्रतीक है। यह जीवन को सरल बनाता है और कार्यक्षेत्र में सफलता के लिए आवश्यक है।


कुबेर देव की कृपा और धन का प्रवाह


यह पर्व धन के देवता कुबेर और मां लक्ष्मी की पूजा के लिए भी विशेष है।


धन का प्रतीक: नया वाहन एक बड़ी पूंजी और धन का प्रतीक है। धनतेरस पर इसे घर लाना दर्शाता है कि आपके पास इतनी क्षमता है कि आप ऐसी महंगी वस्तु खरीद सकें। यह आर्थिक संपन्नता का प्रदर्शन है।


कुबेर की प्रसन्नता: कुबेर देव को संपत्ति का स्वामी माना जाता है। इस दिन वाहन खरीदने से यह विश्वास मजबूत होता है कि कुबेर देव की कृपा से आपके धन का प्रवाह बना रहेगा, और आप भविष्य में और बड़ी संपत्ति बना पाएंगे।


नव-वर्ष की नई शुरुआत


नए साल की शुभ शुरुआत: धनतेरस, दीपोत्सव का पहला दिन होता है। इस दिन नई शुरुआत करना या कोई महत्वपूर्ण वस्तु खरीदना आने वाले पूरे साल को शुभ बनाता है।


सकारात्मक ऊर्जा: घर में नई वस्तु का आगमन सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह भरता है। नया वाहन जीवन में नई यात्राओं और अवसरों का प्रतीक माना जाता है।