धनतेरस पर गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति खरीदने का सही समय

धनतेरस और दिवाली का महत्व

गणेश लक्ष्मी की मूर्ति
धनतेरस कब है: करवा चौथ के बाद से बाजारों में हलचल बढ़ गई है क्योंकि दिवाली का पर्व नजदीक है। इस वर्ष दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी और धनतेरस 18 अक्टूबर को है। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति किस दिन खरीदना शुभ होगा। धार्मिक ग्रंथों और परंपराओं के अनुसार, धनतेरस से लेकर दीपावली की अमावस्या तक का समय विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
ज्योतिषी आनंद सागर पाठक के अनुसार, धनतेरस के दिन नई मूर्ति खरीदना अत्यंत शुभ होता है। इस दिन देवी लक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हुई थीं, इसलिए इसे समृद्धि का आरंभिक दिन माना जाता है। यही कारण है कि धनतेरस पर मूर्ति खरीदना और दीपावली की रात उसका पूजन करना सबसे उत्तम होता है, जिससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
उन्होंने बताया कि धनतेरस की शाम जिस समय शुक्र या गुरु उदय होते हैं, उस समय गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति खरीदना विशेष रूप से शुभ होता है। यदि धनतेरस के दिन मूर्ति खरीदना संभव न हो, तो नरक चौदस या दीपावली की सुबह भी खरीदी जा सकती है। हालांकि, अमावस्या की मध्य रात्रि के बाद खरीदारी करना अशुभ माना जाता है, इसलिए इससे बचना चाहिए.
दिवाली पर मूर्ति खरीदने के लिए सुझाव
दिवाली पर किसकी बनी मूर्ति खरीदें?
- मिट्टी या धातु की मूर्ति सबसे शुभ मानी जाती है।
- प्लास्टर ऑफ पेरिस या प्लास्टिक की मूर्तियों से बचना चाहिए।
- मूर्ति के चेहरे पर शांत और प्रसन्न भाव होना चाहिए।
- लक्ष्मीजी का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
- गणेशजी का दक्षिणमुखी होना शुभ होता है।
धनतेरस पर क्या करें और क्या न करें?
धनतेरस पर मूर्ति घर लाने से पहले पूजा स्थल की सफाई करें। मूर्ति को लाल कपड़े में लपेटकर रखें और दीपावली की रात पूजा में स्थापित करें। मूर्ति को पैर के नीचे न रखें और एक मूर्ति को दोबारा पूजा में इस्तेमाल न करें। टूटी या खंडित मूर्तियों को घर में नहीं रखना चाहिए.