देवउठनी एकादशी 2025: व्रत के नियम और खान-पान की जानकारी
देवउठनी एकादशी 2025
देवउठनी एकादशी 2025
देवउठनी एकादशी कब है?
देवउठनी एकादशी कब है? (Dev Uthani Ekadashi 2025 Kab Hai)
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 1 नवंबर को सुबह 9:11 बजे शुरू होगी और 2 नवंबर को सुबह 7:31 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार, देवउठनी एकादशी का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा।
देवउठनी एकादशी व्रत में क्या खाएं?
देवउठनी एकादशी व्रत में क्या खाएं? (Dev Uthani Ekadashi Par Kya Khyen?)
इस दिन व्रत में सभी प्रकार के फल और सूखे मेवे का सेवन करना चाहिए। आलू, शकरकंद, अरबी और साबूदाने का सेवन किया जा सकता है। सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा और राजगीरे के आटे से बनी पूड़ी, पराठा या पकौड़ी का सेवन करें। दूध, दही, छाछ, पनीर और घी का भी सेवन किया जा सकता है। केवल सेंधा नमक और कुछ सात्विक मसालों का उपयोग करें।
देवउठनी एकादशी व्रत में क्या नहीं खाएं?
देवउठनी एकादशी व्रत में क्या नहीं खाएं? (Dev Uthani Ekadashi Par Kya Nahi Khyen?)
इस दिन गेहूं, जौ, बाजरा, मक्का और सभी प्रकार की दालों का सेवन नहीं करना चाहिए। लहसुन, प्याज, मांस, मछली और मदिरा का सेवन वर्जित है। सामान्य नमक और कुछ सब्जियों जैसे गोभी, गाजर, पालक, बैंगन और शलजम का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
देवउठनी एकादशी व्रत नियम
देवउठनी एकादशी व्रत नियम (Devuthani Ekadashi Vrat Niyam)
इस दिन स्नान के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। मन, वचन और कर्म से ब्रह्मचर्य का पालन करें। तुलसी नहीं तोड़ें, निंदा न करें, झूठ न बोलें और किसी से विवाद न करें। व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी तिथि को शुभ मुहूर्त में करें। पारण के प्रसाद में चावल और तामसिक चीजें शामिल न करें।
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