दिवाली पर प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन का महत्व

दिवाली, जो रोशनी और खुशियों का त्योहार है, पर प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है। इस समय मां लक्ष्मी के पृथ्वी पर भ्रमण करने की मान्यता है, जिससे घर में धन और समृद्धि का आगमन होता है। जानें इस वर्ष लक्ष्मी पूजन का सही समय और इसके लाभ।
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दिवाली पर प्रदोष काल पूजा

दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख और महत्वपूर्ण त्योहार है, जो रोशनी और खुशियों का प्रतीक है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है, ताकि घर में समृद्धि और वैभव का आगमन हो सके। दिवाली के अवसर पर प्रदोष काल में पूजा करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कि दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के लिए प्रदोष काल इतना महत्वपूर्ण क्यों है, पूजा का सही समय क्या है और इसका महत्व क्या है।


प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन का महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार, सूर्यास्त के बाद का लगभग दो घंटे का समय प्रदोष काल कहलाता है। यह समय दिन और रात के संधि काल के समान होता है, जब वातावरण में दिव्य ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है। इस समय की गई पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है। दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करने का विशेष महत्व है क्योंकि इसी समय मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं। कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस समय श्रद्धा और विधि-विधान से पूजा करता है, उसके घर में धन, वैभव और सुख-समृद्धि स्थायी रूप से वास करती है।


प्रदोष काल का महत्व

देवी का पृथ्वी पर विचरण: धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, दिवाली की रात महालक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर सवार होकर पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तों के घरों में प्रवेश करती हैं। प्रदोष काल वह स्वर्णिम समय होता है, जब उनकी कृपा सबसे अधिक होती है।


शास्त्रों का निर्देश: धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि दिवाली पर लक्ष्मी पूजन और दीपदान का विधान प्रदोष काल में ही है। 20 अक्टूबर को अमावस्या तिथि प्रदोष काल और निशीथ काल दोनों में व्याप्त रहेगी, इसलिए इसी दिन दिवाली मनाना और लक्ष्मी पूजन करना अत्यंत शुभ है।


इस बार 20 अक्टूबर को अमावस्या तिथि दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से शुरू हो रही है, जो 21 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी। चूंकि 20 अक्टूबर को अमावस्या तिथि प्रदोष काल में रहेगी, इसलिए इसी दिन लक्ष्मी पूजन किया जाएगा.


दिवाली 2025 लक्ष्मी पूजन का सही समय (शुभ मुहूर्त)


  • पंचांग के अनुसार, 20 अक्टूबर 2025 को लक्ष्मी-गणेश पूजन के लिए कई शुभ मुहूर्त रहेंगे, लेकिन प्रदोष काल और स्थिर लग्न का संयोग सबसे उत्तम है:

  • प्रदोष काल शाम : 05:46 PM से 08:18 PM तक

  • लक्ष्मी पूजन का महा-शुभ मुहूर्त: शाम 07:08 PM से 08:18 PM तक


लक्ष्मी पूजन का महत्व और लाभ

धन और समृद्धि: मां लक्ष्मी को धन और ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। उनकी पूजा से घर में कभी धन की कमी नहीं होती और आर्थिक उन्नति होती है।


सुख-शांति: भगवान गणेश को बुद्धि और शुभता का देवता माना जाता है। लक्ष्मी के साथ गणेश की पूजा करने से धन के साथ-साथ विवेक और ज्ञान भी प्राप्त होता है, जिससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।


व्यापार में वृद्धि: व्यापारी वर्ग के लिए यह दिन खास होता है। नए बहीखातों की पूजा कर व्यापार में वृद्धि की कामना की जाती है।


समस्त पापों का नाश: अमावस्या की अंधेरी रात में दीप जलाकर पूजा करने से जीवन के अंधकार और नकारात्मकता का नाश होता है।