तुलसी पूजा के नियम: जानें कैसे करें सही पूजा
तुलसी पूजा के महत्व
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तुलसी पूजा के नियम: हर घर में तुलसी का पौधा पाया जाता है, जिसे माता के रूप में पूजा जाता है। पुराणों में इसे भगवान विष्णु की पत्नी माना गया है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने छल से तुलसी माता का वरण किया था। तुलसी के पौधे में माता लक्ष्मी का निवास होता है। घर में तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है, लेकिन इसे सही तरीके से करना आवश्यक है।
तुलसी माता की पूजा करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि गलतियों के कारण अशुभ परिणाम हो सकते हैं।
तुलसी पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
तुलसी को जल अर्पित करें
तुलसी माता को रोजाना जल अर्पित करना चाहिए। मान्यता है कि जहां नियमित रूप से तुलसी की पूजा होती है, वहां मां लक्ष्मी का वास और भगवान विष्णु का आशीर्वाद बना रहता है।
इन दिनों जल न चढ़ाएं
हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र के अनुसार, कुछ विशेष दिन हैं जब तुलसी माता को जल नहीं चढ़ाना चाहिए। रविवार और एकादशी के दिन जल अर्पित नहीं करना चाहिए, साथ ही रात में भी ऐसा नहीं करना चाहिए।
स्नान के बिना तुलसी को न छुएं
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बिना स्नान किए तुलसी जी को नहीं छूना चाहिए। हमेशा स्नान के बाद ही तुलसी माता को छूना और उनके पत्ते तोड़ना चाहिए।
शाम के समय तुलसी के पत्ते न तोड़ें
कई लोग दिन-रात बिना देखे तुलसी के पत्ते तोड़ लेते हैं, लेकिन शाम के समय ऐसा करना वर्जित है। माना जाता है कि इस समय तुलसी माता विश्राम करती हैं, इसलिए इस समय पत्ते तोड़ना शुभ नहीं होता।
