गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा के लिए विशेष उपाय

गुरुवार का महत्व
सनातन धर्म में सप्ताह के हर दिन का संबंध किसी न किसी देवता और ग्रह से होता है। गुरुवार को विशेष रूप से भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और गुरु बृहस्पति की पूजा के लिए सर्वोत्तम दिन माना जाता है। इस दिन किए गए उपाय भाग्य को बढ़ाते हैं, आर्थिक प्रगति के मार्ग खोलते हैं और जीवन से अशुभ प्रभावों को दूर करते हैं। ज्योतिष के अनुसार, गुरु ज्ञान, धर्म, गुरु, संतान सुख और धन का कारक माना जाता है। यदि कुंडली में गुरु कमजोर है, तो व्यक्ति को गरीबी, शिक्षा में बाधाएं और विवाहित जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में गुरुवार को कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख, समृद्धि और अच्छे भाग्य की प्राप्ति होती है।
विशेष उपाय

1. पीले वस्त्र और दान
गुरुवार को पीले वस्त्र पहनना और पीले सामान का दान करना गुरु को प्रसन्न करता है। मान्यता है कि इस दिन चने की दाल, हल्दी, पीले कपड़े या केले का दान करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
2. विष्णु-लक्ष्मी पूजा
गुरुवार को भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की संयुक्त पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है। सुबह स्नान करके विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना और देवी लक्ष्मी को कमल के फूल अर्पित करना जीवन में वित्तीय संकटों को समाप्त करता है।
3. पीपल और केले के पेड़ की पूजा
ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, गुरुवार को केले के पेड़ की जड़ में जल डालना और उसके नीचे दीप जलाना शुभ होता है। साथ ही, पीपल के पेड़ की पूजा और उसके नीचे शुद्ध घी का दीप जलाने से गुरु की कृपा प्राप्त होती है और घर से गरीबी दूर होती है।
4. गुरु मंत्र और गायत्री जप
जिन लोगों के कुंडली में गुरु पीड़ित या कमजोर है, उन्हें गुरुवार को गुरु बीज मंत्र—“ॐ ग्राम ग्रीं ग्रौं साह गुरुवे नमः”—का 108 बार जप करना चाहिए। इसके साथ ही गायत्री मंत्र का जप भी अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे भाग्य जागृत होता है और शिक्षा, करियर और पारिवारिक जीवन में प्रगति होती है।
5. बेसन और गुड़ का भोग
गुरुवार को बेसन के लड्डू या गुड़-चना का भोग अर्पित करने से विष्णु-लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं। इस भोग को मंदिर में अर्पित करने के साथ-साथ ब्राह्मण या जरूरतमंदों को दान करने से घर में धन की वृद्धि होती है।
6. उपवास और कथा सुनना
गुरुवार को उपवास रखने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। उपवासी को इस दिन पीला भोजन करना चाहिए और नमक से बचना चाहिए। उपवास रखने और गुरुवार की उपवास कथा सुनने से बाधाएं दूर होती हैं और इच्छाएं पूरी होती हैं।
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