गुरु नानक जयंती 2025: गुरुद्वारा बाल लीला साहिब की महत्ता

गुरु नानक जयंती 2025 का पर्व आज विश्वभर में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर गुरुद्वारा बाल लीला साहिब की महत्ता को समझना महत्वपूर्ण है, जहां बाबा नानक जी ने अपने बचपन के दिन बिताए। जानें इस पवित्र स्थल की कहानियां और गुरु नानक के जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
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गुरु नानक जयंती 2025: गुरुद्वारा बाल लीला साहिब की महत्ता

गुरु नानक जयंती का उत्सव

गुरु नानक जयंती 2025: गुरुद्वारा बाल लीला साहिब की महत्ता

गुरु नानक जयंती 2025


गुरुद्वारा बाल लीला साहिब: आज दुनिया भर में गुरु नानक देव जी की जयंती का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसे गुरु पर्व के नाम से भी जाना जाता है। हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा को गुरु नानक देव जी का जन्मदिन मनाया जाता है। वे सिख धर्म के पहले गुरु थे और सिख धर्म की नींव रखी। आज देशभर के गुरुद्वारों की सजावट अद्भुत है, जहां अखंड पाठ और लंगर सेवा का आयोजन हो रहा है।


गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में हुआ था, और उनका जन्मस्थान तलवंडी, जो अब पाकिस्तान में ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है। उन्होंने सत्य, मेहनत, समानता और सेवा का संदेश दिया। जब गुरु नानक का जन्म हुआ, उस समय राय भोई की तलवंडी पर मुस्लिम शासक राय बुलार का शासन था। जहां भी गुरु नानक के चरण पड़े, वहां पूजा स्थल स्थापित हुआ।


गुरुद्वारा बाल लीला साहिब में बिताया बचपन

गुरु नानक देव जी के चरणों की भूमि आज धन्य मानी जाती है। लाखों लोग इस स्थान को श्रद्धा से नमन करते हैं। गुरुद्वारा बाल लीला साहिब, जो पाकिस्तान के ननकाना साहिब में स्थित है, गुरु नानक के जन्मस्थान के निकट है। यह वही स्थान है जहां बाबा नानक जी ने अपने बचपन के दिन अपने साथियों के साथ बिताए थे।


इस पवित्र स्थल पर बाबा नानक जी के जीवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घटनाएं हैं। यहां नानक जी न केवल खेलते थे, बल्कि अपने साथियों को आध्यात्मिक शिक्षा भी देते थे। उन्होंने ऐसे खेल खेले, जो भक्ति और नाम सिमरन की भावना को जागृत करते थे। राय बुलार को जब बाबा नानक जी के बारे में पता चला, तो उन्होंने इस स्थान पर एक स्मारक का निर्माण कराया।


गुरुद्वारे का रखरखाव

कई स्रोतों से जानकारी मिलती है कि सिखों के छठे गुरु श्री हरगोबिंद साहिब भी इस स्थान पर आए थे। 1800 के दशक की शुरुआत में, महाराजा रणजीत सिंह ने इस गुरुद्वारे का जीर्णोद्धार करवाया। वर्तमान में, इस गुरुद्वारे की सेवा और रखरखाव पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा किया जाता है। यह संगत के दर्शन के लिए खुला रहता है, हालांकि यहां श्री गुरु ग्रंथ साहिब स्थापित नहीं हैं।


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