गरुड़ पुराण में मृत्यु के रहस्य: अंतिम क्षणों में क्या होता है?

गरुड़ पुराण में मृत्यु के समय होने वाली घटनाओं का विस्तृत वर्णन किया गया है। यह पुराण बताता है कि अंतिम क्षणों में व्यक्ति को क्या अनुभव होता है, जैसे पूर्वजों के दर्शन, अपने कर्मों का मूल्यांकन, और एक रहस्यमयी दरवाजे का सामना। जानें कि ये सब कैसे आत्मा के साथ जुड़ा हुआ है और यमदूत का क्या रोल होता है। इस लेख में हम इन रहस्यों को उजागर करेंगे।
 | 
गरुड़ पुराण में मृत्यु के रहस्य: अंतिम क्षणों में क्या होता है?

गरुड़ पुराण और मृत्यु के रहस्य


हिंदू धर्म में अठारह पुराणों में से एक गरुड़ पुराण है, जो मृत्यु के पूर्व और पश्चात के रहस्यों को उजागर करता है। इसमें बताया गया है कि मृत्यु के बाद आत्मा के साथ क्या होता है और उसे किन यातनाओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, यह भी वर्णित है कि मृत्यु से पहले व्यक्ति के साथ क्या घटनाएँ घटित होती हैं और आत्मा की स्थिति क्या होती है।


गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के क्षणों में व्यक्ति को अपने पूर्वजों के दर्शन होते हैं। अंतिम क्षणों में, व्यक्ति को ऐसा अनुभव होता है कि उसके पितर उसे अपने पास बुला रहे हैं।


मृत्यु के समय, व्यक्ति को अपने जीवन के सभी क्षण एक फिल्म की तरह याद आते हैं। जब वह अंतिम सांस ले रहा होता है, तो वह अपने कर्मों का मूल्यांकन करता है और देखता है कि उसके जीवन में पुण्य का पलड़ा भारी था या पाप का।


जब प्राण निकलने वाले होते हैं, तो व्यक्ति को एक रहस्यमयी दरवाजा दिखाई देता है। कुछ लोगों को उस दरवाजे से तेज सफेद रोशनी निकलती दिखाई देती है, जबकि कुछ को आग की लपटें। यह दरवाजा व्यक्ति के पिछले कर्मों का प्रतीक माना जाता है।


अंतिम क्षणों में, व्यक्ति को यमदूत भी दिखाई देते हैं, जो उसकी आत्मा को ले जाने के लिए आते हैं।