गरुड़ पुराण में गौ दान का महत्व: मृत्यु से पहले क्यों करें?

गरुड़ पुराण में गौ दान का महत्व और इसके लाभों के बारे में जानें। यह पुराण बताता है कि मृत्यु से पहले गाय का दान करने से नरक की यातनाएं कम होती हैं और आत्मा को वैतरणी नदी पार करने में सहायता मिलती है। जानें इस धार्मिक मान्यता के पीछे के कारण और इसके आध्यात्मिक लाभ।
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गरुड़ पुराण में गौ दान का महत्व: मृत्यु से पहले क्यों करें?

गौ दान का महत्व

गरुड़ पुराण में गौ दान का महत्व: मृत्यु से पहले क्यों करें?

गौ दान क्यों है आवश्यक

गरुड़ पुराण: यह पुराण भगवान विष्णु और गरुड़ के बीच संवाद पर आधारित है और इसे हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में से एक माना जाता है। इसमें जीवन, मृत्यु, आत्मा की यात्रा, पाप और पुण्य, स्वर्ग और नरक के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई है। गरुड़ पुराण में हजारों श्लोक हैं, जो मनुष्य के कर्मों, धर्म और नैतिकता पर प्रकाश डालते हैं।

इस पुराण के अनुसार, मनुष्य के कर्मों का फल उसे अवश्य मिलता है। हिंदू धर्म में गाय का दान सर्वोत्तम दान माना गया है। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति मृत्यु से पहले गाय का दान करता है, तो इससे नरक की यातनाएं कम हो जाती हैं।

वैतरणी नदी का पार करना

गरुड़ पुराण के अनुसार, यमलोक में वैतरणी नदी बहती है, जिसे आत्मा को मृत्यु के बाद पार करना होता है। इस नदी में रक्त, मवाद और अन्य गंदगी होती है, साथ ही इसमें भयानक जीव भी होते हैं। जो लोग अपने जीवन में बुरे कर्म करते हैं, उन्हें इस नदी को पार करना पड़ता है। लेकिन यदि कोई व्यक्ति मृत्यु से पहले गाय का दान कर देता है, तो उसे इस नदी को पार करने में कठिनाई नहीं होती।

गौ दान के लाभ

कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति मृत्यु से पहले गाय का दान करता है, तो गाय वैतरणी नदी के किनारे प्रकट होती है। इसके बाद आत्मा गाय की पूंछ पकड़कर आसानी से नदी पार कर लेती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति गौ दान करता है, उसकी आत्मा को यमराज के दूत भी कष्ट नहीं देते। ऐसे व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष या स्वर्ग की प्राप्ति होती है। गौ दान पाप के प्रभावों को कम करने में सहायक होता है।

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