कार्तिक मास में धन की कमी से बचने के उपाय

कार्तिक मास, जो 8 अक्टूबर से शुरू होकर 5 नवंबर को समाप्त होगा, में विशेष धार्मिक उपायों का पालन करने से आर्थिक तंगी से राहत मिल सकती है। इस दौरान तुलसी पूजा और दीपदान का महत्व है। जानें इस माह में कौन से उपाय करने चाहिए ताकि आप धन की कमी से बच सकें।
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कार्तिक मास में धन की कमी से बचने के उपाय

कार्तिक मास के विशेष उपाय

कार्तिक मास में धन की कमी से बचने के उपाय

कार्तिक मास उपाय

कार्तिक मास के उपाय: कार्तिक मास की शुरुआत 8 अक्टूबर से हो चुकी है और यह 5 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर समाप्त होगा। इस दौरान 1 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु योग निद्रा से जागेंगे। कार्तिक पूर्णिमा का महास्नान 5 नवंबर को होगा। इस माह को अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। कार्तिक मास में तुलसी पूजा और दीपदान का विशेष महत्व है। यदि आप इस माह में कुछ खास उपाय करते हैं, तो आर्थिक तंगी से राहत मिल सकती है।

कार्तिक मास में कौन से उपाय करें?

कार्तिक के महीने में प्रतिदिन स्नान का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है और व्यक्ति का कल्याण होता है।

जो लोग कार्तिक मास में संयमित रहकर प्रतिदिन स्नान करते हैं और गेहूं, मूंग, दूध, दही और घी से बनी चीजें एक बार खाते हैं, उनके सभी पाप समाप्त हो जाते हैं।

इस मास में पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है। यदि यह संभव न हो, तो आप साफ तालाब या कुएं का पानी भी उपयोग कर सकते हैं। घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान करना भी एक विकल्प है।

सुबह जल्दी उठकर स्नान करना, भजन गाना और पूरे महीने सात्विक भोजन करना चाहिए। इससे भगवान की कृपा प्राप्त होती है। इस दौरान मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।

कार्तिक मास में पीपल के पेड़ और तुलसी के पास दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। तुलसी पूजन का विशेष महत्व है, इसलिए पूरे महीने सुबह और शाम तुलसी में घी का दीपक जलाना चाहिए।

किसी गरीब को चावल का दान करना भी इस मास में महत्वपूर्ण है। ऐसा करने से चंद्र दोष दूर होता है और यदि कुंडली में चंद्रमा अशुभ स्थिति में है, तो यह शुभ फल प्रदान करता है।