कलियुग की अंतिम रात: विष्णु पुराण की चौंकाने वाली भविष्यवाणियाँ

विष्णु पुराण में कलियुग की अंतिम रात के बारे में कुछ चौंकाने वाली भविष्यवाणियाँ की गई हैं। इस रात का अंधकार, प्राकृतिक आपदाएँ, और लोगों की मानसिक स्थिति को लेकर क्या कहा गया है? जानें इस लेख में कि कैसे यह रात मानवता के लिए एक चुनौती बन सकती है।
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कलियुग की अंतिम रात: विष्णु पुराण की चौंकाने वाली भविष्यवाणियाँ

कलियुग की अंतिम रात का रहस्य

कलियुग की अंतिम रात के बारे में विष्णु पुराण की भविष्यवाणियाँ


हम अक्सर आम बातचीत में कलियुग के बारे में चर्चा करते हैं। बढ़ते पाप और अपराधों को देखकर लोग इस युग की समाप्ति के बारे में सोचते हैं। आजकल, यह सवाल अक्सर उठता है कि कलियुग कब समाप्त होगा। आइए जानते हैं विष्णु पुराण में कलियुग की अंतिम रात के बारे में क्या कहा गया है।


विष्णु पुराण के अनुसार, जब कलियुग अपने चरम पर पहुंचेगा, तब रातें और भी अधिक अंधेरी होंगी। इसका मतलब है कि इस युग की रातों में पाप और अपराध बढ़ते जाएंगे। कलियुग की अंतिम रात अन्य रातों की तुलना में सबसे लंबी होगी, और इतनी अंधकारमय होगी कि एक दीया जलाने पर भी पर्याप्त रोशनी नहीं मिलेगी। लोग इस रात के समाप्त होने का बेसब्री से इंतजार करेंगे, लेकिन चारों ओर विनाश के संकेत होंगे।


इस रात में प्रकृति भी अपना रौद्र रूप दिखाएगी। मूसलधार बारिश के कारण धरती जलमग्न हो जाएगी। तेज आंधी और तूफान से धरती पर तांडव मच जाएगा। इस रात की लंबाई इतनी होगी कि यह एक वर्ष जैसी प्रतीत होगी।


कलियुग की अंतिम रात में अधिकांश लोग बीमार रहेंगे। लोग शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर हो जाएंगे, जिससे वे मेहनत करने में असमर्थ होंगे। इस रात जब बारिश होगी, तो लोग भागने की कोशिश भी नहीं कर पाएंगे।


इसके अलावा, इस रात अन्न की भीषण कमी होगी। बारिश और भूकंप के कारण गोदामों में रखा अन्न बह जाएगा और जो बचेगा, वह खाने के योग्य नहीं रहेगा। लोग भूख और प्यास से व्याकुल नजर आएंगे, जिससे उनकी सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित होगी।