आयुर्वेदिक नुस्खे: स्वास्थ्य के लिए सरल और प्रभावी उपाय
इस लेख में आयुर्वेदिक नुस्खों का संग्रह प्रस्तुत किया गया है, जो आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं। सरल उपायों से लेकर विशेष औषधियों तक, ये सुझाव आपको स्वस्थ जीवन जीने में मदद करेंगे। जानें कैसे आप अपने दैनिक जीवन में इन नुस्खों को शामिल कर सकते हैं और विभिन्न रोगों से बच सकते हैं।
Aug 28, 2025, 12:03 IST
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स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेदिक सुझाव

- रात को पानी में गुड़ डालकर रखें, सुबह छानकर पिएं, इससे स्वास्थ्य में सुधार होगा।
- धनिया की पत्तियों को मसलकर आंखों में डालें, इससे आंखों का दर्द ठीक होगा।
- गुनगुना पानी पीने से ऊर्जा मिलती है और कब्ज की समस्या दूर होती है।
- सुबह-सुबह पानी के दो-तीन गिलास पीने से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- ठंडा पानी न पिएं, यह पाचन में बाधा डालता है।
- धरती पर बैठकर भोजन करें और चबा-चबाकर खाएं, इससे पाचन बेहतर होता है।
- सुबह फल का रस, दोपहर में लस्सी और रात में दूध का सेवन करें, इससे सभी रोग दूर होते हैं।
- दही और उड़द की दाल का सेवन एक साथ न करें, इससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- नियमित आहार के साथ 30 मिनट की नींद लें, इससे रोग दूर रहते हैं।
- रात में भोजन करने के बाद चलने से डॉक्टरों की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- परिस्थितियों के अनुसार भोजन करें, यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
- इन सुझावों का पालन करने से जीवन में खुशहाली आएगी।
- पानी धीरे-धीरे पीने से तनाव कम होता है और मोटापा घटता है।
- पानी बैठकर पीने से अपेंडिक्स और अन्य समस्याएं दूर होती हैं।
- यदि रक्तचाप बढ़ता है, तो चाय का सेवन तुरंत बंद करें।
- सुबह का नाश्ता राजा की तरह, दोपहर का नाश्ता सामान्य और रात का नाश्ता गरीब की तरह करें।
- रात में देर तक जागने से कई रोग हो सकते हैं।
- दांतों की मजबूती के लिए दातून का उपयोग करें।
- अगर कुत्ता काट ले, तो तुरंत हल्दी लगाएं।
- मिश्री और गुड़ का सेवन करें, लेकिन सफेद चीनी से बचें।
- चुंबक का उपयोग हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है।
- दर्द और सूजन के लिए चुंबक का उपयोग करें।
- हंसना और रोना स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।
- सरसों के तेल का उपयोग खुजली और जलन से राहत दिलाता है।
- भोजन के बाद एक घंटे तक पानी न पिएं।
- जो भोजन के साथ पानी पीता है, उसे कई रोग हो सकते हैं।
- गुनगुने पानी से मेथी भिगोकर पीने से रक्तचाप नियंत्रित होता है।
- अलसी, तिल और नारियल का सेवन करें, अन्यथा हृदय रोग हो सकता है।
- सेंधा नमक का उपयोग करें, सफेद नमक से बचें।
- वनस्पति तेल से बचें, यह कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है।
- अल्यूमिनियम के बर्तन का उपयोग न करें, इससे कई रोग हो सकते हैं।
- फल खाने के तुरंत बाद पानी न पिएं।
- चोकर खाने से शरीर की शक्ति बढ़ती है।
- नींबू पानी का नियमित सेवन करें, इससे आंतों के रोग दूर होते हैं।
- दूषित पानी पीने से पेट खराब होता है।
- मुलहठी चूसने से कफ बाहर निकलता है।
- भोजन के बाद सौंफ और गुड़ का सेवन करें।
- लौकी का रस पीने से हृदय रोग में लाभ होता है।
- अनार खाने से हृदय रोग और खांसी में राहत मिलती है।
- नीम की पत्तियों का सेवन ज्वर और मलेरिया से बचाता है।
- गर्म पानी से स्नान न करें, इससे आत्मबल घटता है।
- सुरा, चाय और कोल्ड ड्रिंक से बचें।
- गर्म पानी से स्नान करने से शरीर कमजोर होता है।
- तुलसी का पत्ता हर दिन खाने से सभी रोग दूर होते हैं।
विशेष औषधियाँ
श्वास (दमा)
छोटी पिपली और पुस्करमूल का सेवन करें।
माशा को शहद के साथ चाटने से दमा ठीक होता है।
भृगराज का रस शहद के साथ लेने से कफ में राहत मिलती है।
आक पत्र और काली मिर्च का सेवन करें।
दमा के लिए यह उपाय करें।
हृदय रोग
अर्जुन की छाल का सेवन करें।
गाजर का सेवन हृदय रोग में लाभकारी है।
हरड़ और सोठ का चूर्ण बनाकर सेवन करें।
पीलिया
कटु तुरई का रस लेने से पीलिया में राहत मिलती है।
पुनर्नवा के टुकड़े का सेवन करें।
मधुमेह
जामुन की गुठली का सेवन करें।
हरा करेला का रस लेने से मधुमेह में लाभ होता है।
लकवा
आक पत्र का तेल से अभ्यंग करें।
गठिया
इन्द्रायण की जड़ का सेवन करें।
सफेद दाग
मैंगावे के बीज का चूर्ण बनाकर लगाएं।
कैंसर
गाजर का रस लेने से रक्त कैंसर में लाभ होता है।
उच्च रक्तचाप
प्रात: नंगे पैर चलने से रक्तचाप नियंत्रित होता है।