आंवला नवमी 2025: पूजा का सही समय और महत्व

आंवला नवमी, जिसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा के लिए मनाया जाता है। 2025 में यह पर्व 30 और 31 अक्टूबर को पड़ रहा है, जिससे पूजा का सही समय जानना आवश्यक है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आंवला नवमी कब मनाई जाएगी, पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है, और इस दिन के धार्मिक महत्व के बारे में जानकारी देंगे।
 | 
आंवला नवमी 2025: पूजा का सही समय और महत्व

आंवला नवमी का महत्व

आंवला नवमी 2025: पूजा का सही समय और महत्व

आंवला नवमी

आंवला नवमी 2025 की तिथि: आंवला नवमी, जिसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन आंवले के पेड़ में भगवान श्रीहरि का वास होता है और इस दिन किए गए कार्यों का फल कभी समाप्त नहीं होता। आंवला नवमी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है, जो इस वर्ष 30 और 31 अक्टूबर को पड़ रही है। इस कारण से यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि यह पर्व कब मनाया जाए। आइए, हम आपको बताते हैं कि आंवला नवमी कब है और पूजा का सही समय क्या है।

आंवला नवमी कब है 2025? (Amla navmi kab hai)

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 30 अक्टूबर को सुबह 10:07 बजे से शुरू होगी और 31 अक्टूबर को सुबह 10:04 बजे समाप्त होगी। इसलिए, उदयातिथि के अनुसार आंवला नवमी 31 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी।

आंवला नवमी का शुभ मुहूर्त कब है? (Amla navami puja time)

आंवला नवमी पर पूजा का शुभ समय 31 अक्टूबर 2025 को सुबह 06:37 से लेकर सुबह 10:04 बजे तक रहेगा। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

  1. आंवला नवमी पूजा मुहूर्त – 31 अक्टूबर को सुबह 6:37 से सुबह 10:04 बजे तक।

आंवला नवमी का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, आंवला नवमी पर भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। यह तिथि द्वापर युग की शुरुआत का प्रतीक मानी जाती है, इसलिए इसे युगादि तिथि भी कहा जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा कर परिवार की सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना की जाती है।

यह भी माना जाता है कि इस दिन तप, जप, दान और व्रत करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करने से शारीरिक रोग दूर होते हैं और मन की शांति मिलती है।