अश्वत्थामा: 3000 वर्षों से धरती पर भटकने वाला योद्धा

इस लेख में हम अश्वत्थामा के बारे में जानेंगे, जो लगभग 3000 वर्षों से धरती पर भटक रहा है। यह योद्धा महाभारत काल से जीवित है और इसे भगवान श्रीकृष्ण द्वारा श्रापित किया गया था। जानें कि इसका उद्देश्य क्या है और यह धर्म की रक्षा के लिए किस प्रकार संघर्ष कर रहा है।
 | 
अश्वत्थामा: 3000 वर्षों से धरती पर भटकने वाला योद्धा

अश्वत्थामा का रहस्य

अश्वत्थामा: 3000 वर्षों से धरती पर भटकने वाला योद्धा


भारत एक ऐसा देश है, जहाँ मानव के अमर होने की कहानियाँ प्राचीन ग्रंथों में मिलती हैं।


कई देवताओं और भगवानों का जन्म मानव रूप में हुआ है, जिनमें से कुछ को धर्म की रक्षा के लिए पृथ्वी पर रहना पड़ा।


एक ऐसा व्यक्ति है जो लगभग 3000 वर्षों से विभिन्न रूपों में पृथ्वी पर भटक रहा है।


आइए जानते हैं कि यह व्यक्ति कौन है और इसका उद्देश्य क्या है।



  • यह व्यक्ति 3000 वर्षों से विभिन्न स्थानों पर भटक रहा है।

  • कई लोगों ने इसे देखा है और कहा जाता है कि यह एक बड़े धर्म युद्ध के लिए जीवित है।

  • मान्यता है कि यह महाभारत काल से जीवित है, लेकिन इसे चिरंजीव होने का वरदान नहीं, बल्कि श्राप मिला है।

  • महाभारत युद्ध में अधर्म करने के कारण भगवान ने इसे चिरंजीव बनाकर भटकने की सजा दी।

  • यह योद्धा अश्वत्थामा है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण ने श्रापित किया था कि वह कल्कि अवतार आने तक भटकता रहेगा।

  • भविष्य पुराण के अनुसार, जब सनातन धर्म पर संकट आएगा, तब भगवान विष्णु कल्कि अवतार के रूप में धरती पर आएंगे और अश्वत्थामा उनके साथ अधर्म के खिलाफ लड़ाई करेंगे।

  • अश्वत्थामा लगभग 5000 से 6000 वर्षों तक धर्म की रक्षा करते हुए भटकता रहेगा।


अश्वत्थामा ने जो अधर्म किया था, उसकी सजा काटते हुए वह धर्म की रक्षा करते हुए भगवान विष्णु के कल्कि अवतार तक भटकता रहेगा।


इसका उद्देश्य धर्म युद्ध में भाग लेना और इस श्राप से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त करना है।